भारी-भरकम एलपीजी गैस सिलेंडर के बोझ को काम करने के लिए पीएनजी पर व्यापक जोर है। लिहाजा केंद्र सरकार ने देश भर पीएनजी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है।

न्यूनतम कार्य योजना के तहत अगले आठ वर्ष में 12.63 करोड़ घरों तक पीएनजी पहुंचाया जाएगा। इससे घरों की रसोई से एलपीजी सिलेंडर बाहर होंगे और रसोई में खाना पकाने के लिए बाधारहित गैस आपूर्ति की सुविधा मिलेगी।

देशभर में आज करीब 32 करोड़ एलपीजी गैस कनेक्शन है, जिनके लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में गैस सिलेंडर की आपूर्ति घरों तक की जाती है। इन सिलेंडरों में गैस फिलिंग, परिवहन और वितरण का बोझ कम नहीं है।

इस प्रक्रिया में उपभोक्ताओं को भी घरों में सिलेंडर रखने, उन्हें बुकिंग करने और बार-बार रेगुलेटर बदलने को लेकर भी और सुविधा होती है। लिहाजा जहां तक पीएनजी की पहुंच हो रही है वहां उपभोक्ता इसे अपनाने में आगे आ रहे हैं। सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के तहत घरों तक पीएनजी कनेक्शन पहुंचाने का कार्यक्रम तेजी से चल रहा है।

यह नेटवर्क विकास पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड की ओर से किया जा रहा है। पीएनजीआरबी ने देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग 100 प्रतिशत भाग को कवर करने वाले 307 भौगोलिक क्षेत्रों को सीजीडी नेटवर्क के विकास के लिए अधिकृत किया है।

यह 34 राज्यों के लगभग 733 जिलों तक हैं। न्यूनतम कार्य योजना का लक्ष्य वर्ष 2032 तक पूरे देश में लगभग 12.63 करोड़ पीएनजी कनेक्शन स्थापित करना है। मई 2024 तक सीजीडी संस्थाओं की ओर 1.31 करोड़ पीएनजी कनेक्शन दिए गए हैं।

एलपीजी की तुलना में पीएनजी के फायदे

पाइप लाइन से आपूर्ति की जाने वाली पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) से तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलेंडर की बुकिंग, हैंडलिंग, भंडारण और मापन की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा भार में हवा से हल्की होने के कारण पीएनजी खाना पकाने के लिए एक सुरक्षित ईधन है।

प्रति यूनिट ऊर्जा सामग्री (किलो कैलोरी/किग्रा) के बारे में पीएनजी तुलनात्मक रूप से एलपीजी की तुलना में बेहतर है।

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