योगी सरकार उत्तर प्रदेश ने धार्मिक और पौराणिक सांस्कृतिक विरासत के पुनरुद्धार में एक और महत्वपूर्ण पहल शुरू की है अब जल्दी ही अयोध्या काशी की तर्ज पर सीतापुर में नैमिषारण्य तीर्थ स्थल पर विश्व पर्यटकों को आकर्षित करता कॉरिडोर का निर्माण होगा। नैमिषारण्य तीर्थ स्थल इस भव्य कॉरिडोर के साथ वैदिक संस्कृति की गाथा कहेगा। जिसमें वैदिक संस्कृति की तर्ज पर गुरुकुल का निर्माण गौशालाओं का निर्माण, वेद विज्ञान केंद्र यज्ञशाला का निर्माण होटल और धर्मशाला ओं का निर्माण प्राचीन संस्कृति की तर्ज पर आधुनिकता के साथ कदम बढ़ाते हुए बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने वैदिक संस्कृति को विश्व स्तर तक पहचाने और वैदिक ज्ञान को संरक्षित करने की क्षेत्र में यह बड़ा कदम उठाया है। सीतापुर में नैमिषारण्य कोरिडोर को व्यापक पैमाने पर धार्मिक और पौराणिक महत्व के साथ वैदिक संस्कृति के अपार ज्ञान को जीवंत करके उसके महत्व को समझते हुए कॉरिडोर के निर्माण के बाबत प्रशासनिक व्यवस्था को निर्देश दे दिए हैं।
उल्लेखनीय है 88 हजार ऋषि-मुनियों की तपोस्थली नैमिषारण्य के समग्र विकास के लिए सरकार ने हालही में नैमिषारण्य धाम विकास परिषद का गठन किया है। मुख्यमंत्री योगी ने इस बाबत निर्देश देते हुए कहा है कि यह वह पावन स्थली है जहां हमारे ऋषि-मुनियों ने सनातन ज्ञान को लिपिबद्ध करने का अनुपम काम किया था। योगी जी ने इस बाबत संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि धार्मिक पर्यटन विकास की सभी संभावनाओं को देखते हुए पूरी गुणवत्ता के साथ कोरिडोर का निर्माण कराया जाए।यहां संचालित हर परियोजना गुणवत्ता के साथ समय योगी सरकार ने सनातन आस्था को सम्मान और वैदिक ज्ञान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सीतापुर स्थित पावन नैमिषारण्य धाम में जल्द ही वेद विज्ञान केंद्र की स्थापना करने का निर्देश दिया है । सीएम योगी ने कहा कि यह केंद्र वेद संस्कृति के ज्ञान को आम जनता तक ले जाने का महत्वपूर्ण जरिया होगा। योगी सरकार ने नैमिषारण्य धाम को पर्यटन का मुख्य केंद्र बनाने के लिए यहां वैदिक संस्कृति के खजाने को प्रस्तुत करते वेद विज्ञान केंद्र में प्रशासनिक एवं शैक्षणिक व गुरुकुल, गौशाला, यज्ञशाला, मंदिर आदि का निर्माण खगोल शास्त्र के विद्यार्थियों के लिए यहां वेधशाला भी स्थापित स्थापना के निर्देश दिए हैं
वेद विज्ञान केंद्र के स्वरूप निर्धारण से लेकर संचालन तक की प्रक्रिया विषय विशेषज्ञों को जोड़ा जाए। ताकि वैदिक संस्कृति का हर पहलू विश्व स्तर तक अपनी पहुँच बना सके ।
मुख्यमंत्री योगी ने मां ललिता देवी मंदिर सनातन संस्था का महान केंद्र महान केंद्र बताते हुए कहा,यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं का आगमन होता है। पर्यटकों श्रद्धालुओं की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए विंध्यवासिनी धाम की तरह यहां पर कॉरिडोर का निर्माण भव्यता के साथ कराया जाएगा। इस संबंध में योगी सरकार ने आवश्यक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मां ललिता देवी मंदिर के प्रवेश द्वार और पंचमुखी प्लाजा का निर्माण तेजी से पूरा किया जाना चाहिए।
नैमिषारण्य में भारत की पुरानी संस्कृति और धार्मिक धार्मिक महत्व के साथ यहां गुरुकुल की संस्कृति यज्ञशाला मंदिर का निर्माण गौशाला प्रशिक्षण के लिए गुरुकुल योजना संचालित की जाएंगी। भारतीय संस्कृति में वैदिक संस्कृति के यज्ञ और हवन के अनुष्ठान के साथ शिष्य और गुरु परंपरा को जिंदा करते हुए गुरुकुल और वहां गौशालाओं में हमारी गौ माता की पूजा और उनके महत्व पर तमाम बड़ी परियोजनाएं विश्व भर के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे। नैमिषारण्य धाम के वैदिक संस्कृति के अनूठे रूप को पर्यटन से जोड़ने के लिए पर्यटकों की सुविधा के लिए तमाम क्षेत्र में धर्मशाला होटलों का निर्माण और आवागमन के लिए समुचित व्यवस्था कराई जाएगी। उल्लेखनीय है सीतापुर में मां ललिता देवी के मंदिर चौराहे से चक्रतीर्थ होते हुए गोमती घाट तक नैमिषारण्य कॉरिडोर का निर्माण होगा। यह करीब 2 किलोमीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा होगा। इस रास्ते से पर्यटक और भक्तों को जाने के लिए कतारे नहीं लगानी पड़ेगी बल्कि वह आसानी से वैदिक संस्कृति की भव्यता का नजारा लेते हुए मंदिर तक पहुंच सकेंगे। उत्तर प्रदेश के निर्देशों के साथ इस आध्यात्मिक नगरी में विकास कार्य तेजी से शुरू कर दिए गए हैं जमीन के अधिग्रहण की कवायद भी तेजी से शुरू कर दी गई है। इस कॉरिडोर परियोजना के तहत प्रथम चरण में हेलीपैड और अनुसंधान केंद्र बनाया जा रहा है। गोमती के किनारे राजघाटों को दुल्हन की तरह से सजाने की कवायद शुरू हो गई है। यही नहीं बच्चो और पर्यटकों की सुविधा के लिए पार्किंग और परिवहन पर मुख्य फोकस किया जा रहा है।
यह निर्माण नैमिषारण्य सिंगोली रोड पर हरदोई सीतापुर मार्ग पर निकलेगा। यह मार्ग 16 से 25 मीटर चौड़ा होगा। इस बार बाईपास से लखनऊ मैनपुरी कन्नौज शाहजहांपुर हरदोई के वाहन गुजरेंगे। अयोध्या के मंदिर के बाद सीतापुर का यह भव्य नैमिषारण्य धाम पर वैदिक संस्कृति का अनूठा कोरिडोर विश्व भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा। यही नहीं वैदिक संस्कृति के मंत्र जाप यज्ञ गायों की पूजा और प्राचीन संस्कृति के ज्ञान को एक बार फिर से जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा। और जहां आधुनिकता की भागम भाग की दौड़ है वहां वैदिक मित्रों के जब के साथ हमारे गुरुकुल और 88 हजार विषयों की तपोभूमि नईमीशरण में धाम एक बार फिर से विश्व भर का मार्गदर्शन करेगी।