बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने मंगलवार को रोजगार के मामले में सरकार को घेरते हुए कहा कि भारी भरकम विज्ञापनों के जरिए प्रदेश में रोजगार की बहार होने का प्रदेश सरकार का दावा वास्तव में अन्य दावों की तरह ही जमीनी हकीकत से दूर और हवा हवाई है। मायावती ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘देश में रोजगार का घोर अभाव ही नहीं बल्कि अमीर एवं गरीबों के बीच बढ़ती खाई, अर्थात देश में पूंजी के असामान्य वितरण से आर्थिक गैर-बराबरी के रोग के गंभीर होने से जन और देश हित प्रभावित हुआ है।”
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, ‘‘यह अति चिन्तनीय है। देश में विकास दर के दावे के हिसाब से यहां उतनी नौकरी क्यों नहीं है और इसके लिए दोषी कौन है।” उन्होंने कहा, ‘‘इसी क्रम में उप्र सरकार द्वारा भारी भरकम विज्ञापनों के जरिए यह दावा करना कि यहां (प्रदेश में) रोजगार की बहार है, वास्तव में उनके अन्य दावों की तरह ही यह जमीनी हकीकत से दूर है।
उप्र की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती ने कहा, ‘‘लगभग 25 करोड़ की आबादी वाले उप्र में 6.5 लाख से अधिक सरकारी नौकरी का दावा क्या ऊंट के मुंह में ज़ीरा नहीं है।” उन्होंने कहा कि इसी प्रकार केन्द्र में भी स्थाई नौकरियों का बुरा हाल है जहां पद खाली पड़े हैं। मायावती ने कहा कि अपार बेरोजगारी के मद्देनजर सही समाधान जरूरी हो गया है।”
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया है। दलित संगठन भारत बंद कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करेंगे और अपनी मांगे रखेंगे। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इसे अपना समर्थन दे दिया है। बसपा के सभी कार्यकर्ता और नेता देशभर में भारत बंद आंदोलन में शामिल रहेंगे। बसपा करीब 35 साल बाद सड़क पर उतरेगी।