उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है। अब यह देखना है कि इस पद दुर्गा शंकर मिश्रा को सेवा विस्तार मिलेगा या किसी अन्य वरिष्ठ अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया जाएगा। इसकी तस्वीर 30 जून शाम तक साफ होगी।

दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार देने के लिए केंद्र को पत्र भेजे जाने की स्थिति भी अभी तक साफ नहीं हो पाई है और न ही सेवा विस्तार देने से पहले सतर्कता विभाग से ‘क्लीयरेंस’ की स्थिति साफ हुई है। अगर दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार नहीं मिलता है, तो ऐसी स्थिति में 1988 बैच के आईएएस अफसर मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव की कुर्सी के सबसे बड़े दावेदार हैं।

वरिष्ठ आईएएस मनोज कुमार सिंह पास मौजूदा समय में कई अहम विभागों की जिम्मेदारी है। शासन की कई योजनाओं को जमीन पर उतारने में उनकी अहम भूमिका रही है। इस समय में उनके पास आईआईडीसी, एपीसी और अपर मुख्य सचिव पंचायती राज, सीईओ यूपीडा जैसे कई अहम पदों की जिम्मेदारी है। इसके अलावा भारत सरकार में सचिव पद पर तैनात अरूण सिंघल की चर्चा भी तेज है।

ज्ञात हो कि दुर्गा शंकर मिश्र वर्ष 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। दिसंबर 2021 में सेवानिवृत्त होने से ठीक पहले उन्हें सेवा विस्तार देते हुए उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया गया। इसके बाद दिसंबर 2022 में उन्हें दोबारा एक साल का सेवा विस्तार मिला। दिसंबर 2023 में जब उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था, तब भी उन्हें लोकसभा चुनावों के मद्देनजर छह माह का सेवा विस्तार दिया गया।

दुर्गा शंकर मिश्र का कार्यकाल रविवार को समाप्त हो रहा है। इसीलिए चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या उन्हें एक बार फिर सेवा विस्तार मिलेगा।

इसके अलावा 1988 बैच की आईएएस अफसर राधा एस चौहान रविवार को सेवानिवृत हो जाएंगी। वो केंद्र में डीओपीटी सचिव के पद पर तैनात थीं। शनिवार को डीओपीटी के सचिव का अतिरिक्त चार्ज 1984 बैच के अफसर और गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को दे दिया गया।

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