बरेली। जिले के थानों में किसी भी प्रकार की समस्या लेकर पहुंचने वाले मूक-बधिर लोगों का अब जल्दी समाधान होगा। आईजी डॉ. राकेश सिंह ने इसके लिए अच्छी पहल की है। यूपी के प्रत्येक थाने में बधिर कल्याण अधिकारी तैनात किए गए हैं, जो थाने में आने वाले मूक-बधिर व्यक्तियों के कल्याण और समस्या निस्तारण के लिए नोडल अधिकारी का काम करेंगे। इसको लेकर डेफ एसोसिएशन के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया।
पुलिस लाइन के रामगंगा सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। डेफ एसोसिएशन के साथ बैठक कर थानों में मूक-बधिर लोगों से संवाद बनाए रखने को लेकर चर्चा की गई। इसमें तय हुआ कि सभी थानों में बाल कल्याण अधिकारियों को सांकेतिक भाषा सिखाई जाएगी। थाने में एक क्यूआर कोड लगा रहेगा। कोई भी मूक-बधिर उसे स्कैन करके बाल कल्याण अधिकारी से सीधे जुड़कर अपनी सांकेतिक बात कर सकेगा। कार्यशाला में जयपुर की नुपुर संस्था से आए मनोज भारद्वाज और तरुण ने पीड़ित बधिर बालिकाओं के धारा 161 के बयान इंटरप्रेटर द्वारा दर्ज करने की प्रक्रिया भी बताई।
आईजी डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि पहले चरण में यह व्यवस्था जिले के सभी थानों में लागू की जा रही है। इसमें थानों में एक क्यूआर कोड लगा रहेगा, जिसे स्कैन करने पर मूक- बधिर व्यक्ति वीडियो कॉल के लिए बाल/बधिर कल्याण अधिकारी से जुड़कर अपनी बात कह सकेगा। बरेली के बाद यह व्यवस्था रेंज के पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं जिले में भी लागू की जाएगी।
कार्यशाला में एसपी ट्रैफिक शिवराज, बरेली के डेफ एसोसिएशन के महासचिव अदनान खान, इंटरप्रेटर तृप्ति और खुशी व सभी डेफ सदस्य, बाल कल्याण अधिकारी, विवेचक, महिला पुलिस अधिकारी, डायल 112 पुलिस जवाल शमिल रहे। इस दौरान डेफ एसोसिएशन के सदस्यों को सम्मनित भी किया गया।