इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि युद्धविराम और हमास के कब्जे से सभी बंधकों की रिहाई के लिए हुई शांति वार्ता रचनात्मक रही।
प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने रविवार रात एक बयान में पुष्टि की कि यूरोप में अमेरिका, इज़राइल, कतर और मिस्र की चार-तरफा बैठक काफी रचनात्मक थी।
पीएमओ ने कहा कि युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए अपनाए जाने वाले समझौते को लेकर अभी भी कमियां हैं और इसे इसी सप्ताह फिर से आगे बढ़ाया जाएगा।
सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) के निदेशक, विलियम बर्न्स, मोसाद ख़ुफ़िया एजेंसी के प्रमुख डेविड बार्निया, कतर के प्रधान मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी और मिस्र के खुफिया प्रमुख अब्बास कामेल ने पेरिस में हुई चर्चा में भाग लिया।
इज़रायली शिन बेन सुरक्षा सेवा के प्रमुख रोनेन बार, साथ ही आईडीएफ के बंधक दूत नित्ज़न अलोन भी चार देशों के शिखर सम्मेलन में थे।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हमास ने बंधकों की रिहाई की शर्त के रूप में युद्ध को समाप्त करने और सभी आईडीएफ बलों की वापसी की मांग की हैै, लेकिन इज़राइल ने इन मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है।
इजराइल रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि शांति समझौता दो चरणों में किया जाएगा।
पहले चरण में युद्ध विराम होगा, इसमें इज़राइल की जेलों में बंद फ़िलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में हमास द्वारा सभी बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और बीमार लोगों को रिहा कर दिया जाएगा।
अरब और हिब्रू मीडिया के अनुसार, हमास युद्ध को स्थायी रूप से रोकना चाहता है और इज़राइली पक्ष ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
दोनों पक्षों के बीच 24 नवंबर से 1 दिसंबर तक एक सप्ताह का युद्धविराम हुआ था, इस दौरान हमास द्वारा 324 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में 105 बंधकों को रिहा किया गया था।
गौरतलब है कि पिछलेे साल 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू हुआ जब गाजा पट्टी से हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने इज़राइल पर हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए, इनमें से अधिकांश नागरिक थे।
इस दौरान हमास ने 253 लोगों का अपहरण कर उन्हें बंधक भी बना लिया। इसके बाद इज़राइल ने हमास को नष्ट करने के लिए गाजा पर हमला किया।
आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक 7 अक्टूबर को हमास द्वारा अगवा किए गए 132 बंधक अभी भी गाजा में रखे गए हैं।