लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही चुनावी जंग शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो यहां कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ है. इसी बीच बरेली के ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने सपा चीफ अखिलेश यादव और कांग्रेस को बड़ी चेतावनी दे दी है. चेतावनी के साथ-साथ उन्होंने बड़ी मांग भी कर दी है.
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने अखिलेश और कांग्रेस को लेकर कहा है कि, मुसलमानो के कंधों पर सवार होकर वोट बैंक की राजनीति करने वाली राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों को उनकी आबादी के हिसाब से लोकसभा में उम्मीदवारी की टिकट दें.
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कांग्रेस और अखिलेश यादव को चेतावनी देते हुए साफ कहा है कि अब राजनीतिक पार्टियां द्वारा मुसलमानों की राजनीतिक अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब मुसलमान सियासी और समाजी तौर पर सक्रिय हो गया है और अपना अच्छा और बुरा, दोनों जानता है.
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने इस दौरान सपा का नाम लिया. उन्होंने कहा, यूपी में अक्सर देखा जाता है कि जिसका वोट 6 प्रतिशत है, उसे सपा सबसे ज्यादा टिकट देती है. मगर जिसका वोट यूपी में 22 प्रतिशत है, उसे सपा सबसे कम टिकट देती है. अब हम ऐसा नहीं होने देंगे.
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा, समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव इन बातों का ध्यान रखते थे और हर आबादी के हिसाब से विधानसभा और लोकसभा में टिकटों का वितरण करते थे. मगर जब से समाजवादी पार्टी का नेतृत्व अखिलेश यादव करने लगे, तब से सपा ने अपनी सोच में काफी हद तक बदलाव पैदा किया है.
उन्होंने आगे कहा, अखिलेश यादव नर्म हिंदूत्व की लाइन पकड़ कर चल रहे हैं, यही वजह है कि हर चुनाव में उनको हार का मुंह देखना पड़ रहा है. मुलायम सिंह ने कभी भी नर्म हिंदूत्व की तरफ कदम नहीं बढ़ाया, जिसकी वजह से उनको कामयाबी मिलती रही है.
मौलाना ने आगे कहा, सपा ने मुसलमानों को सिर्फ एक वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है. मुसलमानों के लिए बुनियादी तौर पर कोई काम नहीं किया. जब अखिलेश यादव की सत्ता रही, मुसलमानों ने इनको मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन इन्होंने अपने दौरे मुसलमानो की तरफ से मुंह फेर लिया. यहां तक की मदरसों तक की मान्यताएं बंद की गई. बता दें कि फिलहाल मौलाना का ये बयान चर्चाओं में आ गया है.