बिहार में नीतीश कुमार सरकार (Nitish Government) ने मैथिली को ‘‘शास्त्रीय भाषा” का दर्जा देने की मांग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Ami Shah) को पत्र लिखा है। राज्य के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार द्वारा 18 नवंबर को लिखे गए पत्र को बिहार के मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा (Sanjay Kumar Jha) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया।

संजय झा ने पत्र में लिखा, ‘‘माननीय अमित शाह जी, यह मेरे लिए अत्यंत गर्व एवं सांस्कृतिक जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण क्षण है जब मैं आपसे मैथिली भाषा को भारत की शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देने के विषय में लिख रहा हूं। यह मान्यता केवल प्रतिष्ठा का विषय नहीं है, अपितु हमारी समृद्ध भाषाई विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने लिखा, ‘‘मैथिली, पूर्वोत्तर बिहार में लाखों लोगों की मातृभाषा है, जिसका प्रभाव बिहार, नेपाल के तीस हजार (30,000) वर्ग मील में फैला हुआ है तथा झारखंड में भी व्यापक रूप से बोली जाती है। ‘इंडो-आर्यन’ भाषा परिवार के सदस्य के रूप में मैथिली एक समृद्ध लिपि परंपरा है, जिसमें मिथिलाक्षर (तिरहुत), कैथी, देवनागरी एवं नेवारी जैसी लिपियां शामिल हैं।”

इसमें कहा, ‘‘वर्ष 2003 में भारत सरकार ने मैथिली भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करके इसके महत्व को स्वीकार किया है। आज, मैथिली न केवल शिक्षा का माध्यम है, अपितु शासन और प्रशासन की भाषा भी है।” उन्होंने लिखा,‘‘मैथिली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता प्रदान करने से न केवल बिहार की भाषाई एवं सांस्कृतिक विरासत का सम्मान होगा, अपितु इसके प्राचीन ग्रंथों में निहित गहन ज्ञान से दुनिया को भी अवगत कराया जा सकेगा।”

 

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