नारी शक्ति वंदन विधेयक यानी महिला आरक्षण बिल 21 सितंबर को राज्यसभा में भी पारित हो गया है। 215 सांसदों ने इसके समर्थन में वोट डाले, एक भी वोट विरोध में नहीं पड़ा है। महिला आरक्षण बिल पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “मैं इस बिल के समर्थन में हूं। मेरी पार्टी और इंडिया अलायंस सब इस बिल का तहे दिल से समर्थन करते हैं।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी कहा कि, मोदी सरकार महिला आरक्षण बिल को चुनावी जुमला न बनाएं। खड़गे ने महिला आरक्षण विधेयक को चुनावी जुमला या खोखले वादे के रूप में इस्तेमाल करने को लेकर आगाह किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को सरकार से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण को जल्द से जल्द लागू करने के लिए भी कहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, केंद्र सरकार को इस मामले में तत्परता दिखानी चाहिए जैसे उसने तीन कृषि विधेयकों को जल्दबाजी में पारित किया, बिना किसी पूर्व सूचना के नोटबंदी की घोषणा कर दी…ठीक, वैसे ही महिला आरक्षण बिल के लिए भी करे।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘यह एक और चुनावी जुमला नहीं होना चाहिए। मैं चाहता हूं कि यह बिल लागू हो और हम बिना शर्त आपका समर्थन कर रहे हैं। महिला आरक्षण को जनगणना और परिसीमन से जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है। आपको बिल उसी तरह पारित करना चाहिए था जैसे आपने किसानों का बिल पारित किया और जल्दबाजी में नोटबंदी की थी।’
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ”आप वर्तमान ताकत के आधार पर आरक्षण क्यों नहीं लागू करते? जब परिसीमन से सीटें बढ़ेंगी तो आप अपने हिसाब से कोटा बढ़ा सकते हैं।”
खड़गे ने शीर्ष मंत्रियों से कोटा लागू करने के लिए समयसीमा बताने को कहा और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों की महिलाओं के लिए भी आरक्षण की मांग की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कानून के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के लिए गंभीर प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर जोर दिया।