चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 के पहले बड़ा बयान दिया है। चंपारण से अपनी “पदयात्रा” शुरू करने के एक साल से ज्यादा समय बाद प्रशांत किशोर ने औपचारिक रूप से स्वीकार किया कि वह खुद को कांग्रेस की ‘विचारधारा’ के करीब पाते हैं।
प्रशांत किशोर ने साफ शब्दों में कहा है कि, ‘मेरी विचारधारा कांग्रेस के करीब है। अब फैसला उनको लेना है कि उनको क्या करना है।’ प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद अटकलें तेज हो गईं कि क्या वह कांग्रेस में शामिल होंगे?
हालांकि, कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख गठबंधन सहयोगियों ने प्रशांत किशोर के इस बयान का उपहास करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी विश्वसनीयता खो दी है और उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
प्रशांत किशोर ने पिछले साल 2 अक्टूबर को भितिहरवा आश्रम से अपनी ‘पदयात्रा’ शुरू की थी। ये वह स्थान जहां से महात्मा गांधी ने 1917 में अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।
प्रशांत किशोर ने एक निजी समाचार चैनल को बताया, “वैचारिक रूप से, मैं किसी अन्य की तुलना में कांग्रेस की विचारधार से ज्यादा जुड़ा हुआ हूं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह ‘विंडो ओपेने’ रख रहे हैं? इसपर प्रशांत किशोर ने कहा, ‘मैं कह रहा हूं कि यह कांग्रेस को तय करना है, मुझे नहीं। अब फैसला लेना उनको है। मैं जो कर रहा हूं वही कर रहा हूं। वैचारिक रूप से, मैं उस पक्ष में हूं जिसका प्रतिनिधित्व शायद/थोड़ा-बहुत कांग्रेस द्वारा किया जाएगा।’
प्रशांत किशोर के बयान पर कांग्रेस ने स्वागत किया और कहा कि जान कर अच्छा लगा कि पीके की विचारधारा कांग्रेस से मेल खाती है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने शुक्रवार को मीडिया से कहा, ”कांग्रेस ऐसे लोगों का खुले दिल से स्वागत करने के लिए तैयार है। अब फैसला उन्हें करना है। कांग्रेस के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं।’
उन्होंने कहा, ”अगर प्रशांत किशोर जैसे लोग आज ऐसा कह रहे हैं, तो कांग्रेस की गहराई को समझें। जनता के बीच इस बात को उनसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता।”