मेरठ के हस्तिनापुर-बिजनौर को जोड़ने वाला गंगा पुल जरा सी बरसात नहीं झेल सका। पुल तेज बहाव के कारण गंगा में बह गया। दो जिलों को जोड़ने वाले पुल के टूटने से ग्रामीण परेशान है। आवागमन ठप्प हो गया है। वहीं लोगों की जान भी खतरे में बनी हुई है। बता दें कि पिछले साल 2022 में जुलाई के वक्त यह पुल बरसात में बह गया था। उसके बाद से पुल की मरम्मत के लिए शासन ने अब तक बजट नहीं भेजा है। ठेकेदार ने अपने अनुसार पुल की मरम्मत तो करा दी। लेकिन पुल निर्माण का बजट न मिलने के कारण काम सही से नहीं हो सका है। सोमवार सुबह 4बजे गंगा के कटान के कारण पुल का संपर्क मार्ग बह गया।
हस्तिनापुर जलशक्ति और बाढ़ नियंत्रण विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक का विधान सभा क्षेत्र है। अपने ही विधानसभा क्षेत्र में राज्यमंत्री लोगों को बाढ़ के नियंत्रण की व्यवस्था मुहैया नहीं करा पा रहे हैं।
मेरठ का हस्तिनापुर और चांदपुर से बिजनौर की सीमाओं से साथ अन्य कई जिलों को आपस में जोड़ने वाला क्षेत्र के भीमकुंड गंगा पुल की एप्रोच रोड पिछले 24 घंटे गंगा के कटान को नहीं झेल सकी और उचित कटान प्रबंध न होने के कारण आखिरकार सोमवार की सुबह चार बजे गंगा में बह गई है। गंगापुल से बिजनौर की ओर जुड़े संपर्क मार्ग के गंगा में बह जाने से क्षेत्र के लोगों में हड़कंप मच गया है।
विभाग की कार्यशैली का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जब बरसात शुरू हो गई तो पुल के अप्रोच रोड का काम कराया गया। दो दिन पहले ही यहां संपर्क मार्ग को बनवाया गया। ग्रामीणों के अनुसार पिछले साल जुलाई में यह संपर्क मार्ग टूटा था। इसे पिछले 6 महीनों में ठीक नहीं कराया गया। अब एक साल बाद पुल को जोड़ने वालो एप्रोच रोड को दो दिन पहले ठीक कराया गया है। इसमें तो सड़क का बहना तय था।
जिस रोड का काम सालभर पहले होना चाहिए था वो बरसात आने के बाद बनाया गया। इसका टूटना तय था। ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया। तो भी अफसरों ने सुनवाई नहीं करी। पीडब्ल्यूडी विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को भी मामले से अवगत कराया परंतु किसी ने कोई सुध नहीं ली सबने गाइड बांध का रोना रोया। नतीजा यह हुआ कि सोमवार की सुबह 4:00 बजे ही यह संपर्क मार्ग गंगा में बैठ गया जिस कारण यहां आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है उधर गंगा का जलस्तर बढ़ने से कटान विभीषण रूप धारण कर लिया है धीरे-धीरे यह संपर्क मार्ग गंगा में समा रहा है उधर पुल पर भारी वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है और आवागमन पूरी तरह बंद हो चुका है।
हस्तिनापुर क्षेत्र के हजारों किसान गंगा के पार खेती करते हैं। जिसके लिए उन्हें हर रोज इस पुल से गुजर कर अपने खेतों में जाना होता है गत वर्ष भी किसानों ने जमकर हंगामा किया था उसके बाद सड़क को दुरुस्त किया गया था अब पुल के संपर्क मार्ग टूटने से किसानों के सामने परेशानी बढ़ गई है और खेती करने की चुनौती भी सामने होगी।
ग्रामीणों ने बताया कि यहां रास्ता ठप्प हो गया है। लेकिन भारी वाहनों को रोकने के लिए थाना पुलिस की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिससे कई लोगों के साथ बड़े हादसे होने से बचे स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि पुल का संपर्क मार्ग टूट चुका है संभल कर चले।
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि बिजनौर, हस्तिनापुर को जोड़ने वाले पुल का एप्रोच रोड पिछले साल बह गया था। आवागमन बंद हो गया था। इसके बाद पीडब्लूडी ने इसके निर्माण के लिए रिवाइज्ड एस्टीमेट भेजा था। जो अभी पेँडिंग हैं। इसमें बाढ़ सुरक्षा और अन्य काम होने हैं। ऑलरेड प्रोजेक्ट लेट हुआ था। जिसकी विजिलेंस जांच चल रही है। इसकी वजह से रिवाइज्ड एस्टीमेट पास नहीं हो सका है। इसलिए दोबारा बरसात में अप्रोच रोड कटी है। शासन में रिक्वेस्ट की है कि जल्द से जल्द बजट सेंशन करके इसमें काम कराया जाए। पैसा स्वीकृत होते ही काम शुरू कराया जाएगा। शासन स्तर से जांच हो रही है।