मेरठ में काफी समय से चल रहे रैपिड रेल निर्माण कार्य के चलते व्यापारियों को हो रही परेशानी के चलते शनिवार को व्यापारियों ने दिल्ली रोड स्थित ईरा मॉल के सामने धरना दे दिया। व्यापारियों ने कहा कि रैपिड रेल निर्माण कार्य के व्यापारियों का व्यापार पूरी तरीके से ठप हो चुका है बार-बार शिकायत करने के बाद भी समाधान नहीं किया जा रहा और ना ही व्यापारियों को मुआवजा दिया जा रहा है। अगर प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं तो वह भूख हड़ताल पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
दिल्ली रोड पर धरने के दौरान उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष लोकेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि रैपिड रेल निर्माण के चलते न केवल दिल्ली रोड ही नही बल्कि पूरे मेरठ शहर का व्यापारी त्रस्त है। और व्यापार करने में व्यापारी असमर्थ है।
उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल प्रदेश सरकार से लगातार मांग करता आ रहा है कि दिल्ली रोड़ रैपिड रेल निर्माण के चलते जो व्यापारी प्रभावित हो रहे हैं उन सबको उचित मुआवजा दिया जाए लेकिन लगातार धरना प्रदर्शन व मांग पत्र देने के बाद भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम व मेरठ के प्रशासनिक अधिकारी द्वारा व्यापारियों की किसी भी पीड़ा की सुनवाई नहीं की जा रही है।
और अधिग्रहण किये जाने वाले भवनों को मनमाने तरीके से अतिक्रमण बताया जा रहा है कितनी बार अलग-अलग निशान लगाये जा रहे हैं, जिससे व्यापारियों में दहशत हो रही है। उन्होंने बताया कि व्यापारियों की सुनवाई न होने के कारण मजबूरी के चलते व्यापारियों को आन्दोलन की राह अपनानी पड़ रही है। 12 अगस्त को उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के प्रान्तीय अध्यक्ष लोकेश कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में सांकेतिक धरना व भूख हड़ताल ईरा मॉल के सामने दिल्ली रोड़, मेरठ पर आयोजित की जा रही है, जिससे व्यापारियों की पीड़ा शासन व प्रशासन तक पहुॅच सके, परन्तु यदि व्यापारियों की सुनवाई नहीं होती है, तो व्यापारी 20 अगस्त से क्रमिक अनशन करने पर मजबूर हो जाएगा। यदि फिर भी व्यापारी की सुनवाई नहीं होती है, सभी व्यापारी मिलकर आगे के आन्दोलन की भूमिका तय करेंगे।
व्यापारियों की मांगे
- रैपिड रेल निर्माण के कारण विस्थापित होने वाले व्यापारियों को एक करोड़ रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जायें, क्योंकि नए स्थान पर नए सिरे से कारोबार जमाना अत्यन्त कठिन कार्य है।
- रैपिड रेल निर्माण के कारण व्यापारियों के कारोबार दिल्ली रोड़ पर ठप्प हो चुके हैं। ऐसे सभी व्यापारियों को उनके दैनिक खर्चे, स्टाफ की तनख्वाह, बैंक के ब्याज, बिजली के बिल, टैक्स आदि के भुगतान के लिए रैपिड रेल निर्माण कार्य शुरू होने से समाप्त होने तक रू. 1 लाख प्रतिमाह मुआवजा दिया जायें, जिससे वह अपना गुजारा कर सके।
- रैपिड रेल निर्माण के कारण अधिग्रहण की जा रही सम्पत्तियों से सम्बन्धित व्यापारी को उनके नुकसान की गणना, जमीन, बिल्डिंग व फिटिंग व फर्नीचर की वैल्युवेशन कराकर 5 गुना मुआवजा दिया जाए।
- रैपिड रेल निर्माण के कारण अधिग्रहण की जा रही व्यापारियों की सम्पत्ति का मुआवजा उनके बैनामें को आधार बनाकर तय किया जाए।
- रैपिड रेल निर्माण के कारण विस्थापित होने वाले किराएदारों को भी एक करोड़ रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाए।