दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करने के बाद भी आगरा, गाजियाबाद, मेरठ और वाराणसी इसके बचाव के लिए होने वाले काम के प्रति उदासीन बने हुए हैं। इन शहरों को वायु प्रदूषण से बचाव के लिए मिले हुए पैसे से जरूरत के आधार पर काम नहीं कराया गया और इसे दबाए हुए बैठे हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसको लेकर चिंता जताई है और मुख्य सचिव को इससे संबंधित पूरी रिपोर्ट भेजते हुए रुके हुए कामों को पूरा कराने को कहा है।
इसके दायरे में सात शहर
यूपी के सात शहर आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज और वाराणसी 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर हैं। केंद्र सरकार ने इन शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नगर निगमों को जरूरी इंतजाम करने के लिए भरपूर पैसे दिए हैं। इस पैसों से जरूरी उपकरण को खरीदते हुए वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम किया जाना है। लखनऊ की स्थिति बाकी शहरों से बेहतर है।
खराब स्थिति पाई गई
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के स्तर पर शहरों में वायु प्रदूषण को लेकर किए जाने वाले इंतजाम की समीक्षा की गई। इसमें चार शहरों आगरा, गाजियाबाद, मेरठ और वाराणसी की स्थिति खराब पाई गई है। इन शहरों ने इसके लिए मिले पैसे का समय से उपयोग नहीं किया गया। मुख्य सचिव ने इसके आधार पर नगर विकास विभाग को निर्देश दिया है कि इन शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति को ठीक करने की दिशा में होने वाले कामों को समय से पूरा कराया जाए, जिससे लोगों को राहत मिल सके।
शहरों का क्या करना है उपाय
– निजी की जगह सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना है
– शहरों में हरियाली विकिसित करने के साथ ही पेड़ों पर लगातार पानी का छिड़काव कराना है
– प्रदूषण से बचने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल को बढ़ावा देने का अभियान चलाना है
– कूड़ा गाड़ियों को बिना ढके हुए नहीं लेकर जाना है, कूड़ घरों को शहर के बाहर करना है
– बड़े बाजारों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रात में सफाई के लिए मशीनरी विकसित करना
– इन सभी कामों के लिए सातों नगर निगमों को जरूरत के आधार पर पैसा दिया गया है
पैसा खर्च होने की स्थिति
शहर मिला पैसा खर्च हुआ
आगरा 135.5 करोड़ 68.37 करोड़
गाजियाबाद 136.25 करोड़ 74.42 करोड़
कानपुर 211.6 करोड़ 198.9 करोड़
लखनऊ 250.18 करोड़ 151.65 करोड़
मेरठ 114.9 करोड़ 49.73 करोड़
प्रयागराज 132.35 करोड़ 105.63 करोड़
वाराणसी 146.1 करोड़ 46.88 करोड़