बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मेरठ नगर निगम बोर्ड की बैठक में विपक्षी दलों के पार्षदों की कथित पिटाई के मामले में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम के दलित पार्षदों के साथ सरेआम मारपीट करना अति-दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण व निन्दनीय। भाजपा एवं सरकार तुरंत इसका संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
मिली जानकारी के मुताबिक, बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार की शाम को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने संदेश में कहा कि ”उप्र के जिला मेरठ में अभी हाल ही में भाजपा मंत्री व विधायक द्वारा सत्ता के अहंकार में अपनी दबंगई दिखाते हुए नगर निगम के दलित पार्षदों के साथ सरेआम मारपीट करना अति-दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है।” उन्होंने कहा कि भाजपा एवं सरकार तुरंत इसका संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।”
मेरठ नगर निगम बोर्ड की शनिवार को हुई बैठक में कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी पार्षदों के बीच हंगामे के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के पार्षदों की पिटाई का मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर भाजपा और विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है। आरोप है कि इस दौरान भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) धर्मेंद्र भारद्वाज के साथ विपक्षी दलों के पार्षदों ने धक्का-मुक्की की और मारपीट की, जिसके बाद भाजपा के पार्षद भड़क गए और फिर उन्होंने वार्ड संख्या 36 से बसपा पार्षद आशीष चौधरी और वार्ड संख्या 31 से सपा पार्षद कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला की कथित पिटाई कर दी। दूसरी तरफ नगर निगम की बैठक में हुए हंगामे को लेकर भाजपा के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि यह सुनियोजित षडयंत्र के तहत किया गया।
आपको बता दें कि इसके पहले मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दलित पार्षदों के समर्थन में भाजपा पर जमकर प्रहार किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के बाद सोमवार को जयंत चौधरी ने जाहिदपुर पहुंचकर पहुंचकर पार्षदों से मुलाकात की।