मेरठ में एक बच्चे ने जूस समझकर तेजाब पी लिया। बच्चा अपने पिता के साथ किराना स्टोर पर बिस्किट और दूसरा समान लेने उतरा था। पिता जब तक दुकानदार से सामान ले रहा था, इतने में बच्चे ने दुकान में बाहर रखी तेजाब की बोतल उठा ली। बच्चे को लगा कि ये कोई जूस या कोल्डड्रिंक है। बच्चा तेजाब को पी गया। तभी अचानक बच्चे की हालत बिगड़ी। परिजन फौरन बच्चे को अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने बच्चे का इलाज किया फिलहाल बच्चा खतरे से बाहर है।

थाना गंगानगर निवासी रागनी गुप्ता ने बताया कि उनका 8 वर्षीय बेटा दिव्यांश शुक्रवार देर शाम अपने पिता विपिन के साथ मार्केट में घूमने के लिए गया था। रास्ते में किराना स्टोर पर बेटे ने पिता से बिस्किट लेने के लिए कहा। पिता समान दिलाने के लिए प्रियांशी गुप्ता किराना स्टोर पर रुक गए। उनकी दुकान पर बैठे दुकान मालिक के बेटे से उसकी निगरानी रखने की बात कहकर पास की दुकान पर सामान लेने के चले गए।

इसी बीच मुखबधिर बच्चों ने दुकान में रखे एसिड की बोतल को उठाकर पी लिया। एसिड की बोतल को जूस समझकर पीने के बाद बच्चे के मुंह से खून आना शुरू हो गया। पिता विपिन जब पास की दुकान पर पहुंचे तो उन्होंने देखा उनके बेटे के मुंह से खून आ रहा था। आनंद फानन में पिता विपिन बेटे को गंगानगर स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए और भर्ती कराया दिया। जहां चिकित्सकों ने उनकी हालत में सुधार बताया। बच्चे के द्वारा एसिड पीने की सूचना पर दुकान मालिक की पत्नी प्रियांशी गुप्ता भी मौके पर पहुंच गई और बच्चे का हाल जाना।

हालांकि इस मामले में दिव्यांश की माता का कहना है कि जब बेटे को दुकानदार के बेटे की निगरानी में छोड़कर गए थे तो उन्होंने ध्यान क्यों नहीं रखा। इसके चलते पीड़िता के पति विपिन ने दुकानदार के खिलाफ तहरीर देने की बात कही है। सूचना पर गंगानगर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पीड़ित परिवार से दुकान मालिक के खिलाफ तहरीर देने की बात कही। समाचार लिखे जाने तक किसी और से कोई तहरीर नहीं दी गई थी।

पहले भी हो चुकी घटनाएं

एसिड की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। करीब 1 साल पहले लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र स्थित लिसाड़ी रोड पर एक ई रिक्शा चलाक एसिड की 12 कन ला रहा था। ई रिक्शा का पहिया गड्ढे में गिरने के कारण एक कैन गिर गई और पीछे से आ रही कैंटर के टायर के नीचे आने के कारण करीब आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। आए दिन हो रही घटना के बाद भी प्रशासन एसिड को लेकर गंभीर नहीं है। गली मोहल्ले और दुकानों पर खुलेआम एसिड की बिक्री की जा रही है।

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