उत्तर प्रदेश के मेरठ में सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ के विवादित बयान पर पुलिस ने उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को पुलिस ने सपा नेता और एससी-एसटी आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश सिद्धार्थ को कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। कोर्ट से बाहर निकलकर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं अपने शब्द वापस नहीं लूंगा, चाहे मेरे ऊपर 100 मुकदमे दर्ज हो जाएं।
दरअसल, मेरठ कलक्ट्रेट में निगम बोर्ड की बैठक के दौरान हुए हंगामे के बाद राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर और एमएलसी धर्मेन्द्र भारद्वाज के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी दौरान अखिलेश सरकार में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति वित्तीय विकास निगम के उपाध्यक्ष रहे मुकेश सिद्धार्थ ने बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में कार्रवाई न होने पर ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर, उनके वाहन और घर को आग लगा देंगे। इसके साथ ही उन्होंने शहर फूंकने की भी धमकी दी। हालांकि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मुकेश सिद्धार्थ भूमिगत हो गए थे।
मुकेश सिद्धार्थ ने शनिवार को कलक्ट्रेट में हुए धरना-प्रदर्शन के दौरान ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर को जिंदा जलाने का एलान कर दिया था। उनके खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। रविवार रात पुलिस ने उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया था। आज पुलिस उन्हें फैंटम पर बैठाकर पेशी पर लेकर आई थी। कोर्ट से बाहर निकलकर मीडिया से बातचीत करते हुए सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ ने कहा “मैं समाज की सेवा करता रहूंगा। इसके लिए कोई भी जुल्म सहने को तैयार हूं।”
पुलिस ने मुकेश का डोजियर तैयार कर लिया है। मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ जिले में संगीन धाराओं में 13 मामले दर्ज हैं। पुलिस अब उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) में निरुद्ध करने की तैयारी कर रही है। फिलहाल उसकी संपत्ति, किए गए अपराध व उसे जमानत देने वालों की भी सूची तैयार की जा रही है। इसके साथ ही सिविल लाइंस थाने में पूरे दिन विभिन्न थानों में मुकेश के पुराने दर्ज मामलों के अलावा उसके खिलाफ आई तमाम शिकायत, मामलों, विवादित लोगों का पूरा रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि सोमवार को मुकेश को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है। अब उसके खिलाफ जल्द ही रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।