गोंडा जिले में मेडिकल स्टरों पर धड़ल्ले से नारकोटिक्स की दवाएं बिना मेडिकल पर्चे के बेची जा रही हैं। अधिकांश मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के संचालित हो रहे हैं। डीएम के निर्देश पर अब मेडिकल स्टोर पर औषधि निरीक्षक लगातार छापेमारी कर रही हैं। जिससे मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप मच गया है।
डीएम नेहा शर्मा के निर्देश पर जिले में औषधि निरीक्षक रजिया बानो ने नवम्बर में निरन्तर औषधि प्रतिष्ठानों का निरीक्षण लाइसेंस नवीनीकरण और औषधि का रख-रखाव, सैम्पलिंग, बिल वाउचर एवं कार्यरत फार्मासिस्ट की उपस्थिति की जांच की गई। औषधि निरीक्षक ने बताया कि प्रवर्तन कार्यवाही के दौरान 14 प्रतिष्ठानों पर औचक निरीक्षण किया गया। दो दुकानों में फार्मासिस्ट की अनुपस्थित पाए जाने पर नेशन मेडिकल स्टोर को फार्मासिस्ट सत्यापन होने तक दुकान को बंद करा दिया गया। तथा 2 प्रतिष्ठान अनुराग मेडिकल स्टोर देव फार्मा का तत्काल प्रभाव से क्रय विक्रय पर रोक लगा दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि नवंबर में 14 औषधि प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। 16 नमूने लिए गये, जिसमें 6 प्रतिष्ठानों में अनियमितता पाये जाने पर उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।

इसके साथ ही माह नवम्बर में एक नमूना फेल हुआ है। जिसका वाद दायर करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। अब तक जिले में 26 नमूने फेल हुये हैं। जिनकी विवेचना चल रही है। तथा 6 मुकदमे दायर किया जा चुके हैं। नवंबर में एक वाद दायर किया गया है। महिला अस्पताल के औषधि भण्डार का निरीक्षण कर 3 संदिग्ध नमूने संग्रहित किये गये। जो जांच हेतु वाराणसी प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। बिना लाइसेंस प्रतिष्ठान पर सीजर की कार्यवाही की गई। जिसमें एक लाख बीस हजार की औषधि जप्त की गई। एक वेटेनरी का सैंपल लिया गया। नारकोटिक्स औषधियों के रख-रखाव एवं रोकथाम हेतु प्रतिष्ठानों का निरन्तर निरीक्षण किया गया। इसके साथ ही न्यू मौर्या मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया गया। जिसमें 1 संदिग्ध औषधि पाये जाने पर जांच हेतु प्रयोगशाला भेजा गया। तथा प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्रों पर निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है। और जनपद में 13 दुकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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