फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ जैसे एक मामले में गाजियाबाद में सीबीआई कोर्ट ने 6 लोगों को तीन-तीन साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है जिनमें एक हिमाचल प्रदेश के भरमौर के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) शामिल हैं।

गाजियाबाद में एक अभूतपूर्व मामले में नौ वर्ष पहले आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन(IBPS) लिपिक भर्ती परीक्षा में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में सीबीआई(CBI) कोर्ट ने सजा सुनाई है। सजा मिले लोगों में शामिल हिमाचल के नवीन तंवर भी शामिल है जो अब आईएएस अधिकारी बन गए है।

अदालत ने 2019 बैच के आईएस अधिकार नवीन तंवर के साथ पांच अन्य लोगों को भी सजा सुनाई है। इन सभी पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है।

गुरुवार को सीबीआई कोर्ट में सजा सुनाए जाने के वक्त केस के मुख्य आरोपी हिमाचल के चंबा बाहमौर एडीएम नवीन तंवर उपस्थित नहीं हुए। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर 21 मार्च को अदालत में पेश करने का आदेश दिया है।

जानकारी के मुताबिक 13 दिसंबर 2014 को आइडियल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी गोविंदपुरम गाजियाबाद में आईबीपीएस(IBPS) क्लर्क भर्ती की परीक्षा थी। सीबीआई को सूचना मिली थी कि परीक्षार्थी के स्थान पर दूसरे युवक परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। सूचना के आधार पर सीबीआई की टीम ने मौके पर पहुंचकर छह लोगों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला था कि पकड़े गए आरोपी नोएडा निवासी नवीन तंवर, हरियाणा के भिवानी निवासी सावन कुमार, झांसी के तालपुर निवासी अमित सिंह व शिवाजी नगर निवासी अजय पाल सिंह, जलौन निवासी सुग्रीव सिंह गुर्जर व उसके भाई हेमंत सिंह गुर्जर थे।

सुग्रीव गुर्जर व हनुमत गुर्जर ने दोनों परीक्षार्थियों को साल्वर मुहैया कराने में बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। अभियुक्तों को जमानत मिल गई थी।

इस मामले में अंतिम सुनवाई गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआई शिवम वर्मा के कोर्ट में हुई। कोर्ट ने साक्ष्यों व गवाहों के बयान के आधार पर सभी अभियुक्तों को दोषी मानते हुए तीन-तीन साल की कठोर कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही प्रत्येक अभियुक्त पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया।

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