खतौली। आला अधिकारियों द्वारा लाख अनुशासन का पाठ पढ़ाए जाने के बावजूद मातहत पुलिसकर्मियों का व्यवहार आमजनों के प्रति सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। हत्या या आत्महत्या के प्रकरण की चल रही जांच में कोतवाली के एक दरोगा द्वारा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के खतौली अध्यक्ष डा. एन के त्यागी के साथ अभद्र व्यवहार करने के चलते संगठन से जुड़े चिकित्सकों में रोष व्याप्त हो गया। कस्बे के वरिष्ठ चिकित्सक के साथ अभद्र व्यवहार करने के आरोपी दरोगा द्वारा खेद व्यक्त करने से प्रकरण का पटाक्षेप हुआ।

जानकारी के अनुसार बीती एक मई को गांव सठेड़ी निवासी एक महिला ने सल्फास का सेवन कर लिया था। परिजनों ने गंभीर हालत में महिला को कस्बे के जीत नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। डॉ एन के त्यागी ने महिला का उपचार शुरू करके लिखित सूचना थाने भिजवा दी थी। उपचार के दौरान दम तोडऩे के चलते पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया था।

मृतका के मायके वालों ने हत्या का आरोप लगा ससुराल पक्ष के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था, जबकि मृतका का ससुराल पक्ष मामला आत्महत्या का बता रहा है। बताया गया कि हत्या या आत्महत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए मामले की जांच एसपी ग्रामीण द्वारा की जा रही है। बताया गया कि बुधवार को कोतवाली के एक दरोगा ने जीत नर्सिंग होम पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल से जुड़े कुछ दस्तावेज़ डा. एन के त्यागी से तलब किए।

आरोप है कि डा. एन के त्यागी के कुछ कागज़ देकर बाकी एक दो दिन में उपलब्ध कराने की बात कहने पर हत्थे से उखड़ा दरोगा अभद्रता पर उतर आया। दरोगा ने डॉ एन के त्यागी को गाड़ी में बैठाकर थाने ले जाने की धौंस दी। इस दौरान डॉ एन के त्यागी द्वारा मोबाइल फोन से एसपी ग्रामीण से शिकायत करने पर दरोगा नखरा ढीला करके वापस लौट गया।

आईएमए अध्यक्ष डा. एन के त्यागी के साथ दरोगा द्वारा अभद्रता से पेश आने की खबर लगते ही संगठन से जुड़े चिकित्सक सचिव डा संजय गुप्ता, डॉ मुकेश गुप्ता, डॉ एन के गोयल, डॉ प्रतीक गोयल, डा दिनेश चंद्रा, डॉ आनन्द पाण्डे, डॉ बलदेव सिंह, डॉ संजीव कुमार, डॉ अमिता गुप्ता, डॉ राजीव अग्रवाल थाने पहुंच गए।

कोतवाल मुकेश कुमार के समक्ष चिकित्सकों ने दरोगा द्वारा आईएमए अध्यक्ष डॉ एन के त्यागी के साथ किए गए व्यवहार की निंदा की। बताया गया मामला कस्बे के प्रतिष्ठित चिकित्सकों से जुड़ा होने का आभास होते ही आरोपी दरोगा ने खेद प्रकट कर दिया, जिसके बाद चिकित्सकों का गुस्सा शांत होने पर मामले का पटाक्षेप हो गया।

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