मुज़फ्फरनगर दंगे के दौरान कवाल में शाहनवाज हत्याकांड के मामले में सुनवाई कई वर्षों के बाद शुरू हो गई। वादी और मृतक के पिता सलीम के बयान कोर्ट में दर्ज किए गए। सुनवाई कर रहे एडीजे-7 शक्ति सिंह ने वादी के बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष की जिरह के लिए 18 जुलाई की तारीख नीयत की है।
मुजफ्फरनगर के थाना जानसठ के गांव कव्वाल में 27 अगस्त 2013 को ममेरे भाई सचिन और गौरव सहित शाहनवाज की हत्या कर दी गई थी। एसआईटी ने गौरव, सचिन के मामले में जांच के बाद आरोप पत्र कोर्ट मे दाखिल किया था। जिसमें कोर्ट से गत 2018 को 7 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जबकि शाहनवाज हत्याकांड के मामले में एसआईटी की ओर से 6 आरोपियों को यह कहते हुए क्लीन चिट दे दी थी कि मारने वाले गौरव व सचिन की पहले ही मौत हो चुकी है। एसआईटी की रिपोर्ट को पीड़ित सलीम ने चुनौती दी थी। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर पीड़ित को निजी दावा दायर करने के आदेश 30 मई 2018 को दिए थे। उसके बाद वादी सलीम ने कोर्ट में अपना दावा दायर किया था। जिसमें 6 लोग रविंदर, प्रहलाद, बिशन, तेंदू, देवेंद्र व जितेंद्र आरोपी बनाए थे। जिनके विरुद्ध सुनवाई एडीजे-7 कोर्ट में शुरू हो गई।
मुजफ्फरनगर दंगे में 60 की गई थी जान परिवादी के अनुसार मृतक शाहनवाज के पिता कवाल निवासी सलीम ने आरोप लगाया है कि गत 27 अगस्त 2013 को उसके बेटे शाहनवाज उर्फ कलवा की गौरव की मोटर साइकिल की टक्कर हो गई थी। इस पर गौरव मारने की धमकी देकर चला गया था। इसके बाद आरोपी गौरव और सचिन, अपने दूसरे 6 आरोपियों के साथ घर मे घुस गए ओर शाहनवाज़ को खींचकर बाहर ले गए। जिनके पास हथियार थे। शाहनवाज की गंभीर चोट देकर हत्या कर दी। मुजफ्फरनगर दंगे में 60 से अधिक जाने गई थी 40 हज़ार लोग बेघर हुए थे। मामले में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल और वादी की ओर से एसएम मोहसिन ज़ैदी आदि पैरवी कर रहे हैं।