मुजफ्फरनगर में सिविल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने कचहरी में जुलूस निकाल उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस विरोधी नारे लगाते हुए अधिवक्ताओं ने कहा की उनकी हड़ताल को 7 दिन हो गए हैं। लेकिन हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
मुजफ्फरनगर में 29 अगस्त को हापुड़ में लाठीचार्ज की घटना के विरोध में बुधवार को सिविल बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने नाराजगी जाहिर की। सिविल एसोसिएशन से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता तेग बहादुर सैनी ने कहा कि पुलिस ने हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज किया था। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हापुड़ में पुलिस ने महिला अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज किया, उसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता संघ पीड़ित लोगों को न्याय दिलाता है और कानून की बेहतर जानकारी रखता है।
देश की आज़ादी की लड़ाई में अधिवक्ता वर्ग की जंग में अधिवक्ताओं ने ही बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। पुलिस ने जो आमानवीय व्यवहार अधिवक्ताओं के साथ किया, वह निंदनीय है। डीएम कार्यालय पर पहुंचे अधिवक्ताओं ने संगठन की एकता के लिए नारेबाजी की। लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की। पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट में जमकर नारेबाजी की।
मांग उठाई की अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। सिविल बार एसोसिएशन के जिला महासचिव बिजेंदर मलिक ने कहा कि अधिवक्ता हड़ताल पर हैं। राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही हाल रहा तो अधिवक्ता समाज सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करेगा।