मुजफ्फरनगर कोर्ट ने 29 वर्ष पुराने रामपुर तिराहा कांड के मामले में मुकरने वाले गवाह को पेश होने का आदेश दिया है। सीबीआई की याचना पर स्वीकृति देते हुए कोर्ट ने फिर से गवाही कराने के लिए 17 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है। घटना वाले दिन मौके से गुजरे ट्रक ड्राइवर रिटायर्ड सूबेदार की भी गवाही कोर्ट में कराई गई।
मुजफ्फरनगर में 1-2 अक्टूबर 1994 की रात को अलग उत्तराखंड गठन की मांग को दिल्ली जाते आंदोलनकारियों को रामपुर तिराहा पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक लिया था। आगे बढ़ने को लेकर पुलिस और आंदोलनकारियों में झड़प हो गई थी। जिसके बाद हुए गोलीकांड में 7 आंदोलनकारियों की मौत हुई थी।
कई महिलाओं के साथ भी ज्यादती कि शिकायत की गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच कर अलग-अलग प्रकरण में चार्ज शीट कोर्ट में दाखिल की थी। घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 7 शक्तिसिंह कर रहे हैं। जिला शासकीय अधिवक्ता परविंदर सिंह ने बताया कि सरकार बनाम राधामोहन द्विवेदी की पत्रावली में 81 वर्षीय बुजुर्ग रिटायर्ड सूबेदार ट्रक ड्राइवर को गवाही के लिए कोर्ट में पेश किया गया।
वारदात के समय वह मौके से गुजर रहा था। सीबीआई ने घटना का समर्थन न करने वाले गवाह को भी फिर से अदालत में बुलाने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। कोर्ट ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई कर उसे स्वीकार करते हुए 17 जुलाई की तिथि मुकर्रर की है।
कोर्ट ने सरकार बनाम मिलाप सिंह मामले में सीबीआई को निर्देशित किया है कि वह 18 जुलाई को मामले की पीड़िता को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश करें। इससे पहले सीबीआई ने पीड़िता को पेश करने के लिए कोर्ट से समय मांगा था।