मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन क्षेत्र के सरवट स्थित महमूदिया मदरसे में सुबह 5 बजे की नमाज के बाद छात्रों ने हल्की बूंदाबांदी के बीच योग किया और निरोग रहने की शपथ ली। इस दौरान मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों और मौलाना का कहना है कि मुस्लिम धर्म में तकरीबन 14 वर्ष पहले से ही शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग किया जाता रहा है।

कहा कि आज देश के पीएम मोदी पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को एक उत्सव के रूप में मना रहे हैं। प्रधानमंत्री की इस पहल को पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 17 जून को मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने प्रदेश के सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र भेजा था।

पत्र में कहा था कि वे अपने स्तर से प्रयास कर सभी सहायता प्राप्त एवं गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त विद्यालयों में 21 जून को योग दिवस मनाएं। इस बीच, सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था कि मदरसों में योग दिवस भला क्यों मनाया जाना चाहिए। यह मदरसों का हिस्सा नहीं हैं।

बल्कि, मदरसों में तालीम दिवस मनाया जाना चाहिए। इससे मदरसे के छात्रों का एहसास दिलाया जा सके कि वह कम पढ़ाई कर रहे हैं, यहां क्या कमी है। उन्होंने कहा कि मदरसों में योग दिवस मनाए जाने का क्या मतलब है।

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