मुजफ्फरनगर। चर्चित रामपुर तिराहा कांड की सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी की पत्रावली में गवाही नहीं कराई जा सकी। गर्मी के चलते अधिवक्ताओं की हड़ताल रही। अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो-2 के पीठासीन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने अगली सुनवाई के लिए पांच जून की तिथि तय कर दी है। आरोपियों ने हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दिया।

एक अक्तूबर 1994 की रात अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। इनमें महिला आंदोलनकारी भी शामिल थीं। पुलिसकर्मियों ने रात करीब एक बजे रामपुर तिराहा पर बस रुकवा ली। आरोप है कि महिला आंदोलनकारियों के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म किया। उत्तराखंड संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 25 जनवरी 1995 को सीबीआई ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे, जिसकी सुनवाई चल रही है।

सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी की पत्रावली में सुनवाई चल रही है। उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि गर्मी के चलते अधिवक्ताओं ने हड़ताल की है। अगली सुनवाई के लिए पांच जून की तिथि तय की गई है।

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