कोलकाता में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट आज किया जाएगा। पहले यह टेस्ट शनिवार को निर्धारित था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से इसे टाल दिया गया था। अब यह टेस्ट रविवार यानी आज किया जा सकता है। शनिवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष और चार अन्य डॉक्टरों समेत कुल छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया। संजय रॉय को उच्च सुरक्षा के तहत जेल के सेल नंबर 21 में रखा गया है, जहां वह अकेले हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेल के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि उनकी गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा सके।
टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय की दोनों बांहों पर चोट के स्पष्ट निशान हैं। यह संभावना जताई जा रही है कि पीड़िता ने अपनी जान बचाने के प्रयास में संजय रॉय के साथ संघर्ष किया होगा। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, जब 14 अगस्त को संजय रॉय को हिरासत में लिया गया, तो उनकी बाईं और दाईं बांहों पर कोहनी तक चोट के निशान पाए गए। यह जानकारी इस बात की ओर इशारा करती है कि रॉय की चोटें पीड़िता के साथ हुए संघर्ष के दौरान लगी होंगी।
संजय रॉय की मनोविश्लेषणात्मक प्रोफाइलिंग में यह बात सामने आई है कि वह पोर्न फिल्म देखने का अत्यधिक आदी है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि एक डॉक्टर ने रॉय की प्रवृत्तियों को जानवर जैसी विशेषताएं बताई हैं। इसके अलावा, यह भी खुलासा हुआ है कि रॉय ने अपराध के प्रति किसी भी प्रकार का पश्चाताप नहीं दिखाया। पिछले सप्ताह, सीबीआई के एक अधिकारी ने यह जानकारी साझा की थी कि आरोपी ने पूरी जांच प्रक्रिया के दौरान अपराध के सभी पहलुओं को बिना किसी पछतावे के खुलासा किया। यह उसकी मानसिक स्थिति और अपराध के प्रति उसकी संवेदनहीनता को और स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
वहीं आज सुबह सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर समेत कुल 15 ठिकानों पर छापेमारी की। जब सीबीआई अधिकारी सुबह 6:45 बजे संदीप घोष के घर पहुंचे, तो उन्हें करीब 75 मिनट तक गेट के बाहर इंतजार करना पड़ा। इस लंबे इंतजार ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि संदीप घोष को दरवाजा खोलने में इतनी देरी क्यों हुई। अब इस पर संदेह जताया जा रहा है कि क्या संदीप घोष किसी महत्वपूर्ण जानकारी को छुपाने की कोशिश कर रहे थे। यह देरी और छापेमारी के दौरान मिली जानकारियां सीबीआई के लिए चिंता का विषय बन गई हैं और संदीप घोष के प्रति संदेह को और बढ़ा रही हैं।