वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में PDM यानी पिछड़ा, दलित और मुस्लिम की जनसभा को संबोधित करते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। इस दौरान उन्होंने मुख्तार अंसारी की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें जहर देकर मारा गया है। साथ ही ओवैसी ने मुख्तार अंसारी को शहीद का दर्जा दिया है।
असदुद्दीन ओवैसी की जनसभा में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित किया और विपक्ष को आड़े हाथों लिया। जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने मुख्तार अंसारी का जिक्र किया। उन्होंने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि ”मुख्तार का नाम लेकर कह रहा हूं मैं किसी के बाप से डरने वाला नहीं हूं। मुख्तार अंसारी एक इंसान था, ज्यूडिशियल कस्टडी में था, उसे जहर देकर मार दिया। वह शहीद है और शहीदों के बारे में कहा गया है कि शहीदों को मुर्दा कभी मत कहो वह जिंदा है। लेकिन उनको बचाने की जिम्मेदारी बीजेपी की सरकार की थी और उसमें वह नाकाम साबित हुए हैं।”
ओवैसी ने अपनी जनसभा में अतीक अहमद का भी जिक्र किया और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा ”जो (मुसलमान) सपा के लिए जान दे रहा है उसी के पैर में गोलियां (एनकाउंटर) मारी जा रही हैं। हमें (मुसलमानों) ही जेल में जहर दिया जा रहा है, हमारे ही घर को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है। पूर्व सांसद (अतीक) जो 10 सुरक्षाकर्मियों के साथ चल रहा है उसे कोई भी नजदीक से जाकर गोली मार देता है। लेकिन इन सब पर अखिलेश की जुबान से आवाज नहीं निकलती। समाजवादी पार्टी यह चाहती है कि आप भैया के लिए जान कुर्बान करो और दरी बिछाओ। एक वक्त ऐसा आएगा जब अखिलेश यादव खुद दरी बिछाएंगे और आपके लिए जान भी देंगे।
बता दें कि वाराणसी के नाटी ईमली के बुनकर कॉलोनी के मैदान में PDM गठबंधन की जनसभा हुई। जनसभा में असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी के साथ विपक्ष के नेताओं पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, यह बनारस मोदी का नहीं उस्ताद बिस्मिल्लाह और तुलसीदास और गंगा जमुनी तहजीब का है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि PDM इंसाफ के लिए बनाया गया है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछड़े समाज के लिए एक विकल्प के लिए बनाया गया है। हम 50 साल से वोट देने वाले बने, लेकिन अब हम वोट लेने वाले बनेंगे। संघ, बीजेपी, समाजवादी पार्टी या अन्य पार्टियां सिर्फ जुबान से इंसाफ की बात करती हैं, लेकिन जमीन पर अमली जामा पहनाने का काम नहीं करती।