भारतीय नौसेना के बेड़े में बार्ज नौका शामिल की गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ‘बार्ज एलएसएएम 13 (यार्ड 81) का जलावतरण किया गया। इस नौका का इस्तेमाल गोला बारूद लाने और ले जाने में भी किया जा सकता है।

इस नौका की विशेषता है कि यह बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी। भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया 08 x मिसाइल लेस एम्युनिशन परियोजना का यह ‘पांचवा’ पोत (छोटा नौसेनिक जहाज) है।

स्वदेशी तकनीक से बनी यह ‘बार्ज नौका’ भार उठाने में सक्षम है। इन पोतों के नौसेना में शामिल होने से छोटे बांधों एवं बंदरगाहों पर अन्य जहाजों के लिए गोला-बारूद का परिवहन, रसद की लदान और पोतारोहण तथा अवरोहण की सुविधा बढ़ेगी। सैनिक सामान लाने, ले जाने की क्षमता वाली इस नौका के आने से भारतीय नौसेना की सैन्य गतिविधियों के संचालन को गति मिलेगी।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इन नौकाओं को भारतीय नौसेना के प्रासंगिक नियमों के तहत स्वदेशी रूप से तैयार और निर्मित किया गया है। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौका का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया था। ये विशेष छोटे जहाज भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारतीय नौसेना के लिए यह पोत विशाखापत्तनम के एमएसएमई शिपयार्ड, मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीपीएल) द्वारा तैयार किया गया है।

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