आईपीएस अधिकारी से नेता बने लालदुहोमा के नेतृत्व वाले ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने सोमवार को मिजोरम में पहली बार पूर्ण बहुमत हासिल कर सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को करारी शिकस्त दी।
मिजोरम के निवर्तमान मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा हार स्वीकार करते हुए शाम से पहले राजभवन में राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से मिलकर अपना त्यागपत्र सौंपेंगे।
जेडपीएम ने 40 सदस्यीय विधानसभा में 25 सीटें जीती हैं और दो सीटों पर आगे चल रही है। एमएनएफ ने महज सात सीटें जीती हैं और तीन सीटों पर आगे चल रही है। विभिन्न जिलों में वोटों की गिनती अभी जारी है।
विपक्षी कांग्रेस, जिसने कई वर्षों तक पहाड़ी सीमावर्ती राज्य पर शासन किया, केवल एक सीट – लांग्टलाई पश्चिम पर आगे चल रही है।
विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले भगवा पार्टी में शामिल हुए पूर्व एमएनएफ मंत्री के. बेइचुआ और उनके पार्टी सहयोगी के. ह्रामो ने क्रमशः अपनी सियाहा और पलक सीटें जीतीं। भगवा पार्टी के दोनों उम्मीदवारों ने अपने एमएनएफ विरोधियों को हरा दिया।
मिजोरम विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष लालरिनलियाना सेलो, जो चुनाव से कुछ दिन पहले एमएनएफ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, अपनी ममित सीट एमएनएफ उम्मीदवार एच. लालजिरलियाना से हार गए।
एमएनएफ को 2018 के चुनावों में 40 सदस्यीय विधानसभा में से 26 सीटें मिलीं थीं, जबकि जेडपीएम को आठ सीटें मिली थीं। पिछले चुनाव में कांग्रेस को पांच सीटें मिली थीं और भाजपा एक सीट जीतने में कामयाब रही थी।
जेडपीएम के अध्यक्ष और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालडुहोमा ने बहुकोणीय मुकाबले में अपने निकटतम एमएनएफ प्रतिद्वंद्वी जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,983 मतों के अंतर से हराकर अपनी सेरछिप सीट बरकरार रखी, जबकि पार्टी के अधिकांश प्रमुख उम्मीदवार अपनी-अपनी सीटों पर आगे चल रहे थे।
आईपीएस अधिकारी से नेता बने लालदुहोमा, जिन्होंने 8,314 वोट हासिल किए, लगातार दूसरी बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए।
जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालडुहोमा ने अपनी सीट जीतने के बाद मीडिया को बताया कि वह मंगलवार या बुधवार को राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे और शपथ ग्रहण समारोह इसी महीने होगा।
एमएनएफ उम्मीदवार और मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा अपनी आइजोल पूर्व-1 सीट हार गए, जहां जेडपीएम उम्मीदवार लालथनसांगा ने 2,101 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
उप मुख्यमंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार तावंलुइया ने तुईचांग सीट पर जेडपीएम के डब्लू चुआनावमा को 909 वोटों के अंतर से हरा दिया।
कई अन्य एमएनएफ मंत्री भी अपनी-अपनी सीटें हार गए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता अपनी आइजोल पश्चिम-3 सीट जेडपीएम उम्मीदवार वी.एल. ज़ैथनज़ामा से 4,582 वोटों के अंतर से हार गए।
हालांकि भगवा पार्टी की सीटों की संख्या एक से बढ़कर दो हो गई, लेकिन भाजपा के मिजोरम प्रदेश अध्यक्ष वनलालहुमुआका अपनी डंपा सीट एमएनएफ उम्मीदवार लालरिंतलुआंगा सेलो से 310 वोटों के अंतर से हार गए।
मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए 7 नवंबर को हुए वोटों की गिनती राज्य के सभी 11 जिलों में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज सुबह आठ बजे शुरू हुई।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच. लियानजेला ने ने आईएएनएस को बताया कि मतगणना प्रक्रिया में महिलाओं सहित चार हजार से अधिक अधिकारी लगे हुए थे। इन अधिकारियों को 11 जिलों के 13 केंद्रों के तहत 40 मतगणना हॉलों में तैनात किया गया था।
पुलिस महानिदेशक अनिल शुक्ला ने कहा कि मतगणना प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य भर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और मिजोरम सशस्त्र पुलिस की पर्याप्त टुकड़ियों को तैनात किया गया है।
8.57 लाख मतदाताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक ने 16 महिलाओं सहित 174 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), मुख्य विपक्षी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा था।
भाजपा ने भाषाई अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, खासकर जहां मतदाता सूची में रियांग और चकमा आदिवासी समुदाय अच्छी संख्या में हैं। उनके अलावा 27 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।