राहुल गांधी ने मोदी सरनेम मामले में मिली सजा पर रोक के लिए गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया है। कांग्रेस नेता ने हाई कोर्ट में निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। सूरत कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। सांसदी जाने के बाद हाल ही में राहुल गांधी को दिल्ली में अपना सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा था। इससे पहले राहुल गांधी की तरफ से सजा रद्द करने के लिए सूरत कोर्ट में दलील भी पेश की गई थी। राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया था कि राहुल की मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर मानहानि का केस उचित नहीं था। उन्होंने कहा था कि कोर्ट को इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या दोषी को अपूरणीय क्षति होगी. ऐसी सजा मिलना अन्याय है।

मोदी सरनेम को लेकर सूरत की अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के फैसले को अब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। कांग्रेस नेता की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है। सूरत सेशन कोर्ट ने 20 अप्रैल को राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया था।

आपको बता दें कि 23 मार्च को सूरत में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने एक चुनावी रैली के दौरान मोदी सरनेम संबंधी टिप्पणी को लेकर दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्हें लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल ने 13 अप्रैल, 2019 को एक चुनावी रैली में कहा था, सभी चोरों का समान उपमान मोदी ही कैसे है।

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