उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है। मां ने अपने छह माह के मासूम को खौफनाक मौत की सजा दी। मासूम का शव दो दिन बाद पुलिस ने बरामद किया था। दोषी मां को कोर्ट ने आजीवन कैद की सजा सुनाई।
हरिद्वार के कनखल के सर्वप्रिय विहार में छह माह के मासूम अंशू की हत्या में आखिर उसकी मां को आजीवन कैद की सजा सुनाई गई। घटना का खुलासा होते ही हर कोई सहम उठा था। मां संगीता बलूनी ने बच्चे के रोने से परेशान होकर हत्या कर दी थी,महिला ने पुलिस को दिए बयानों में बताया था कि बीमारी के कारण उसे दूध नहीं हो रहा था।
इसलिए अंशू लगातार रोता था। इसी से तंग आकर उसने अंशू को मार डाला था। सिडकुल की नामी ऑटोमोबाइल कंपनी में काम करने वाले दीपक बलूनी का परिवार कनखल के सर्वप्रिय विहार में किराये पर रहता है। दीपक की पत्नी संगीता ने बेटे के अपहरण की झूठी कहानी रची।
उसने कहा था कि, वह डेयरी पर दूध लेने गई थी। इसी बीच किसी ने बच्चे का अपहरण कर लिया। पुलिस ने मामले में अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद जब मुकदमे की जांच के दौरान पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी की फुटेज खंगाले तो उनमें संगीता काले रंग का बैग गंगा घाट की ओर ले जाते दिखाई दी।
इससे पुलिस का संगीता पर शक गहरा गया। पूछताछ में वह बार-बार बयान भी बदल रही थी और छह माह के बच्चे के अपहरण को लेकर एक बार रोई तक नहीं। सख्ती से पूछताछ में संगीता ने हत्या की बात कबूल कर ली।
दोषी महिला ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि बीमारी के कारण वह बच्चे को अपना दूध नहीं पिला पा रही थी। इसलिए बच्चा अंशु लगातार रोता था। बच्चे के लगातार रोने से तंग आकर उसने अपने ही जिगर के टुकड़े को मार डाला।
बच्चे का शव दो दिन बाद बिशनपुर कुंडी के पास गंगा से बरामद हुआ था। पिता दीपक ने बच्चे के शव की शिनाख्त की थी। महिला ने पुलिस को बताया था कि वह अपनी तीन साल की बेटी को छह माह के बेटे के पास छोड़कर गई थी, पुलिस जांच में यह बात झूठ निकली
अपहरण की कहानी बनाने के बाद महिला ने कनखल थाने में हंगामा भी किया था, लेकिन दो दिन बाद ही पूरा मामला खुल गया था। आरोपी महिला की झूठी कहानी दो दिन में ही सामने आ गई थी।

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