यूपी की राजधानी लखनऊ के बीआरडी संयुक्त चिकित्सालय से डॉक्टर की लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे एक महिला की जान भी जा सकती थी। यहां एक डॉक्टर ने महिला के ऑपरेशन के दौरान रुई और पट्टी पेट में ही छोड़ दी। अब यह मामला डिप्टी सीएम तक पहुंचा है। शिकायत मिलने के बाद डिप्टी सीएम ने मामला सीएमओ कार्यालय को सौंपा।

पूरा मामला महानगर स्थित भाउराव देवरस संयुक्त चिकित्सालय का है। जहां एक सर्जन ने महिला के पेट के ऑपरेशन के दौरान रुई और पट्टी उसके पेट में ही छोड़ दी। दरअसल, सीतापुर के मछरेहटा निवासी विजय कुमार दीक्षित की 42 वर्षीय पत्नी सुमन ने जुलाई में अपने गॉल ब्लेडर में पथरी के ऑपरेशन के लिए सर्जन मो. जुबैर सिद्दीकी से संपर्क किया। बीआरडी महानगर संयुक्त चिकित्सालय के सर्जन मो. जुबैर सिद्दीकी ने सुमन को भर्ती कर एक अगस्त को ऑपरेशन कर दिया। इस दौरान डॉक्टर ने पेट में रुई-पट्टी छोड़ दी और टांके लगा दिए। ऑपरेशन के कुछ दिन बाद महिला के पेट में दर्द हुआ, जिसकी शिकायत उसने डॉक्टर से की तो उसने दवाएं दे दीं। इनसे राहत न मिलने पर महिला ने निजी अस्पताल में सीटी स्कैन करवाया। रिपोर्ट सामने आने के बाद महिला दंग रह गई। सीटी स्कैन में महिला को पेट में
रुई, पट्टी छूटने का पता चला।

इस पर सुमन को लखनऊ के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका दोबारा ऑपरेशन करके रुई-पट्टी को निकाला गया। विजय ने बताया कि दवाओं और निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान उसके करीब 25 हजार रुपये खर्च हो गए। जिसकी शिकायत विजय ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से की है।

महिला के पति ने इस मामले की शिकायत डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से की। जिसकी जांच डिप्टी सीएम ने सीएमओ ऑफिस को सौंपी है। हालांकि, अभी तक पड़ताल शुरू नहीं हुई है। वहीं मुख्य चिकित्सधिकारी (सीएमओ) डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि जांच के लिए एक कमेटी बनाई जा रही है। पड़ताल के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights