केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से गुरुवार को फोन पर बात की और वहां आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बारे में जानकारी ली। केन्द्र मणिपुर के हालात पर करीब से नजर रख रहा है और उसने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए त्वरित कार्य बल (RAF) के दल भेजे हैं। आरएएफ दंगे जैसे हालात को काबू में करने के लिए दक्ष बल है। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात की।

मुख्यमंत्री ने उन्हें जमीनी हालात तथा शांति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। संवेदनशील स्थानों पर सेना तथा असम रायफल्स के जवानों को पहले ही तैनात किया जा चुका है। इन दो बलों के अलावा पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बल के जवान हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए मणिपुर में मौजूद हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया RAF की पांच कंपनियों को वायुसेना के विशेष विमान से इंफाल भेजा गया है। वहीं 15 अन्य सामान्य ड्यूटी कंपनियों को राज्य में तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 15 कंपनियां मणिपुर में तैनाती के लिए मौजूद हैं। गौरतलब है कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन ने चूराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में बुधवार को ‘आदिवासी एकता मार्च’ आयोजित किया था और इस दौरान हिंसा हुई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़पें हुईं। अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे।

 

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