मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार को एक बयान में कहा कि राज्य में हिंसा प्रभावित लोगों के लिए 7,660 घर बनाए जाएंगे।
बीरेन सिंह ने कहा कि पिछले साल मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से कई परिवार अलग-अलग स्कूलों और कॉलेजों में रह रहे हैं। इन लोगों के लिए 7,660 अस्थायी घर बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य के नौ जिलों में अलग-अलग राहत शिविरों में रहने वाले विस्थापितों के लिए अस्थायी घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है। इन विस्थापितों में अधिकतर आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
दरअसल, 7,660 घरों में से सबसे अधिक 1,813 घर कांगपोकपी जिले में बनाए जाएंगे। इसके अलावा चूड़ाचांदपुर जिले में 1,331, काकचिंग जिले में 1,217, बिष्णुपुर में 1,015, इंफाल पूर्व में 594, टेंग्नौपाल में 880, चंदेल में 511, इंफाल पश्चिम में 225 और कामजोंग में 74 घर बनाए जाएंगे।
उन्हें मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) से मिली धनराशि पर्याप्त नहीं है, इसलिए उन्होंने फुबाला (मोयांग), सेरीकल्चर फार्म, चुराचंदपुर, कंगपोकपी के आसपास के क्षेत्रों में लगभग 2,500 घरों के निर्माण के लिए चार-चार लाख रुपये की अतिरिक्त राशि का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने घरों के निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया। उन्होंने राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर परियोजनाओं के संबंध में विवाद सुलझाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया।
सीएम ने कहा कि कहा कि केंद्र द्वारा जल्द ही पहाड़ी और घाटियों दोनों में विकास कार्यों के लिए 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मंजूर की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी जिलों के जिला मुख्यालय से 8-10 किलोमीटर के दायरे में पक्की सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 175 करोड़ रुपये होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित 117 परियोजनाओं (पहाड़ी और घाटी दोनों) में से केंद्र ने हाल ही में केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढांचा कोष (सीआरआईएफ) के तहत केवल 57 परियोजनाओं को मंजूरी दी है और इसके लिए 217 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि बाकी परियोजनाओं को भी जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने यह भी आश्वासन दिया है कि चक्रवात रेमल से हुए नुकसान के लिए भी करीब 170 करोड़ रुपये मंजूर किए जाएंगे।