मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अशांत मणिपुर में हिंसा की एक ताजा घटना में शुक्रवार को मणिपुर के खोकेन गांव में उग्रवादियों ने एक महिला सहित तीन लोगों की हत्या कर दी। इसके अलावा हमले में दो अन्य घायल हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, संदिग्ध उग्रवादी और पीड़ित विभिन्न समुदायों के हैं। पुलिस के अनुसार, कथित तौर पर खाकी ड्रेस पहने हुए उग्रवादी शुक्रवार सुबह सैन्य वाहन में गांव पहुंचे और ऑटोमेटिक राइफलों से ग्रामीणों पर फायरिंग की। स्वदेशी जनजातीय नेताओं के फोरम (आईटीएलएफ) ने हत्या के लिए मेइती समुदाय पर आरोप लगाते हुए कहा, यह हमला उग्रवादियों द्वारा दिखाई गई घोर उपेक्षा का एक और उदाहरण है और अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की।
आईटीएलएफ ने एक बयान में कहा, इस घटना ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई शांति प्रक्रिया का भी उल्लंघन किया। हम अधिकारियों से उग्रवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं। खोकेन गांव में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात किया गया है।
गुरुवार देर रात दो लोगों ने इंफाल में भाजपा विधायक सोराईसाम केबी के घर बम से हमला कर दिया। पुलिस के मुताबिक, दो लोग बाइक से आए और उन्होंने खुले गेट के अंदर IED बम फेंक दिया। जिसके बाद तेज धमाका हुआ। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। विधायक सोराईसाम केबी ने मीडिया से कहा, यह बेहद अपमानजनक और परेशान करने वाला है कि राज्य में व्याप्त अशांति के बीच मेरे घर पर इस तरह का विस्फोट हुआ।
मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी मणिपुर यात्रा के दौरान मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। एक अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच के हिस्से के रूप में, आगे की जांच के लिए छह मामलों की पहचान की गई है। इनमें से एक मामला एक संभावित आम साजिश पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि जातीय हिंसा पूर्व नियोजित थी या नहीं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी मणिपुर की यात्रा के दौरान इंफाल में पत्रकारों से कहा था कि सीबीआई की एक विशेष टीम दंगों से जुड़े छह मामलों को संभालेगी। इसके अतिरिक्त, एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के न्यायाधीश के नेतृत्व में एक न्यायिक जांच आयोग हिंसा कैसे भड़की इसकी जांच करेगा और राज्य में अशांति पैदा करने वाली किसी भी संभावित साजिश की पहचान करेगा। उल्लेखनीय हो कि तीन मई को मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष में 100 से अधिक मौतें हुई। इस मामले के संबंध में 3 जून तक मणिपुर में कुल 3,734 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। कुछ दिनों पहले ही उपद्रवियों ने सात साल के मासूम बच्चे, उसकी मां और उसकी एक और रिश्तेदार को जिंदा जला दिया था।