मणिपुर में 3 मई के बाद से जारी हिंसा को रोकने और इस विवाद का हल निकालने के लिए गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर पहुंचे हैं। वह 1 जून तक मणिपुर में ही रहेंगे। इस बीच उन्होंने मैराथन बैठक शुरू की। वहीं हिंसा का शिकार हुए लोगों के घावों पर मरहम लगाने में भी जुटे हैं। उन्होंने हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को आर्थिक मदद के साथ ही परिवार के किसी शख्स को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है। वहीं हिंसा के बाद राज्य में बढ़ती कीमतों को देखते हुए जरूरी सामान की सप्लाई मजबूत करने का आदेश दिया है।
अमित शाह ने मंगलवार को सबसे पहले कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्र और राज्य मिलकर मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपये की मदद देंगे। दोनों सरकार मिलकर आधा-आधा खर्च वहन करेंगी। वहीं पीड़ित के परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी। अधिकारियों को कहना है कि राज्य में शांति स्थापित करने के लिए और अफवाहों को रोकने के लिए स्पेशल टेलिफोन लाइन बनाई जाएगी।
राज्य में हिंसा के बाद पेट्रोल, एलपीजी, चावल और अन्य खाने पीने के सामान की कमी हो गई थी। कैबिनेट मीटिंग के बाद आदेश दिया गया है कि भारी मात्रा में इन चीजों की राज्य में सप्लाई की जाए जिससे ब्लैक मार्केटिंग पर लगाम लगे और लोगों को सही दाम में चीजें उपलब्ध हो सकें। हिंसा के बाद राज्य का दूसरे राज्यों से संपर्क कट गया था। राज्य में पेट्रोल इन दिनों 170 रुपये से 200 के बीच में बेचा जा रहा है और बिचौलिए मुनाफा कमा रहे हैं।
अमित शाह के साथ मणिपुर के दौरे पर होम सेक्रटरी अजय कुमार भल्ला और आईबी सेक्रटरी तपन कुमार डेका भी इंफाल पहुंचे हैं। बता दें कि राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा हुई थी। मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के खिलाफ कुकी समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किए जो कि बाद में हिंसक हो गए।