संसद का मानसून सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। संसद के मानसून सत्र से पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने मणिपुर में कुछ पुरुषों द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की घटना की निंदा की। पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता है और इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर की घटना ने मुझे झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने मेरा दिल पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है। इस घटना ने देश को शर्मिंदा कर दिया है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि संसद में जो बिल लाए जा रहे हैं वो जनता की भलाई के लिए हैं। बता दें कि इस सत्र में कई बिलों को पेश किया जाएगा, ऐसा माना जा रहा है कि संसद का पहला मानसून सत्र हंगामेदार रहने वाला है।
पीएम मोदी ने संसद भवन परिसर में मानसून सत्र के शुरू होने से ठीक पहले आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं लोकतंत्र के मंदिर में खड़ा हूं और मणिपुर की, जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। गुनाह करने वाले कौन हैं, कितने हैं, वह अपनी जगह है, लेकिन इसकी वजह से देश के 140 करोड़ लोगों को शर्मसार होना पड़ता है। इन घटनाओं की जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।’
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से इस तरह की घटनाएं रोकने और खासकर महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर सख्त रुख अख्तियार करने की अपील करते हुए कहा कि मैं सभी मुख्यमंत्रियों से अनुरोध करता हूं कि वह अपने राज्यों में कानून व्यवस्था को मजबूत करें और खासकर महिलाओं की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाए। राजनीति से उठकर महिलाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। मैं देशवासियों विश्वास दिलाता हूं कि महिलाओं के सम्मान के लिए सारे कदम उठाए जाएंगे और मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है ऐसे करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा।’ इससे पहले उन्होंने विपक्षी दलों से संसद चलाने में सहयोग देने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि यह पवित्र सावन का महीना है और लोकतंत्र के मंदिर में पवित्र काम करने के लिए इससे उत्तम अवसर कुछ नहीं हो सकता है। मुझे विश्वास है सभी माननीय सांसद जनहित में इस सत्र का उपयोग करेंगे और संसद की जो जिम्मेदारी है उनका निर्वहन किया जाएगा।