देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्तर पर एडवाइजरी जारी कर दी है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि राज्य के सभी जिलों के एंट्री प्वाइंट्स पर मंकीपॉक्स के संदिग्ध रोगियों की स्क्रीनिंग होनी चाहिए।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, “सभी अस्पतालों को मंकीपॉक्स के मामलों के लिए तैयारी करनी होगी और संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट तुरंत स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति विदेश यात्रा से लौटता है या मंकीपॉक्स प्रभावित क्षेत्र से आता है, तो उसकी विशेष निगरानी की जाएगी।
लक्षण
बुखार और दर्द: बुखार और दर्द को कम करने के लिए पेरासिटामोल (Paracetamol) जैसी दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।
दाने और खुजली: त्वचा पर होने वाले दाने और खुजली के लिए एंटीहिस्टामिन दवाएं या कैलामाइन लोशन का उपयोग किया जा सकता है।
सपोर्टिव केयर
हाइड्रेशन: रोगी को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ (जैसे पानी, ओआरएस) का सेवन कराना चाहिए।
पोषण: शरीर को मजबूत बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन आवश्यक है।
एंटीवायरल दवाएं
Tecovirimat (TPOXX): मंकीपॉक्स के इलाज के लिए एक एंटीवायरल दवा है जिसे कुछ मामलों में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवा अमेरिका और यूरोपीय संघ में मंकीपॉक्स और अन्य ऑर्थोपॉक्सवायरस के लिए अनुमोदित है।
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उचित स्वच्छता और सावधानी बरती जानी चाहिए, जैसे कि हाथ धोना, मास्क पहनना, और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आना।
वैक्सीन
जिनोस वैक्सीन (JYNNEOS या Imvamune/Imvanex): मंकीपॉक्स और स्मॉल पॉक्स के लिए उपयोगी वैक्सीन है। इसका उपयोग मंकीपॉक्स के संपर्क में आने के बाद पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PEP) के रूप में भी किया जा सकता है।
किसी भी लक्षण की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
उचित आइसोलेशन, स्वच्छता, और हेल्थकेयर गाइडलाइन्स का पालन करना बहुत जरूरी है।
इन उपायों के साथ मंकीपॉक्स से बचाव और इलाज के लिए जागरूक रहना और सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।