एनसीआर में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते गाजियाबाद और नोएडा में दस्त, डायरिया, उल्टी आदि मामलों के रोगियों की संख्या काफी बढ़ गई है। इन बीमारियों से ग्रसित करीब 40 प्रतिशत मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।

इसके साथ-साथ संदिग्ध परिस्थितियों में होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। गाजियाबाद में भीषण गर्मी के चलते अब तक संदिग्ध मौतों के कई मामले सामने आ चुके हैं।

बीते तीन दिनों में लगभग 30 से ज्यादा लोगों की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। चिकित्सकों का कहना है कि पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट के बाद आने के बाद ही पता चल पाएगा कि मरने वालों के मौत की असल वजह क्या है।

गाजियाबाद में कुछ दिनों में जिला अस्पताल में मौत का आंकड़ा अचानक बढ़ गया है। कुछ ऐसे मरीज हैं, जो मृत अवस्था में अस्पताल लाए गए थे, तो कुछ ऐसे हैं, जो डायरिया, दस्त जैसे बीमारी से मौत के मुंह में समा गए।

अस्पताल में बढ़ते मौतों के आंकड़ों के बाद ये कहा जा सकता है कि हीट वेव या लू लगने से हुई बीमारियों के चलते इनकी मौत हो सकती है। हालांकि गाजियाबाद जिला प्रशासन की तरफ से गर्मी के चलते किसी की भी मौत न होने की बात सामने आई है।

गाजियाबाद के सीएमएस राकेश कुमार ने बताया है कि अभी तक नौ लोगों की मौत हुई है। बुधवार सुबह 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और कुछ मृतकों के परिजनों ने बॉडी का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया है।

उन्होंने बताया है कि मौत की असल वजह की जानकारी पोस्टमॉर्टम के बाद ही हो पाएगी। हालांकि उन्होंने भी माना है कि मौतों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है।

वहीं नोएडा की जिला अस्पताल की सीएमएस रेनू अग्रवाल का कहना है कि मंगलवार सुबह से आज तक 14 लोग ब्रॉड डेड अस्पताल लाए गए। इसमें से कुछ लोगों को पुलिस के लोग और कुछ को उनके परिजन लेकर आए थे।

उनकी मौत का असल कारण का पता पोस्टमाॅर्टम के बाद ही चल पाएगा, उससे पहले कुछ कहना मुश्किल है।

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