लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने भाषण से हटाई गई टिप्पणियों और अंशों को लेकर स्पीकर ओम बिरला को खत लिखा है। उन्होंने भाषण के अंश हटाए जाने पर हैरानी जताई है।
राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर से अनुरोध करते हुए उनके हटाए गए अंश को फिर से बहाल करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने ने यह भी कहा कि भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने अपने भाषण में कई अनर्गल बातें कहीं और उनमें से सिर्फ एक शब्द को कार्रवाई से हटाया गया।
पत्र में राहुल गांधी ने लिखा, “मैं यह लेख 1 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मेरे भाषण से निकाली गई टिप्पणियों और अंशों के संदर्भ में लिख रहा हूं। यह देखकर हैरान हूं कि जिस तरह से मेरे भाषण के काफी हिस्से को निष्कासन की आड़ में कार्यवाही से हटा दिया गया है, मेरी सुविचारित टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा देना, संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।”
खत में राहुल गांधी ने आगे केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, मैं अनुराग ठाकुर के भाषण की ओर भी ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिनका भाषण आरोपों से भरा था, हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से केवल एक शब्द हटाया गया। आपके प्रति उचित सम्मान के साथ, यह चयनात्मक निष्कासन तर्क को धता बताता है। मैं अनुरोध करता हूं कि कार्यवाही से हटाई गई टिप्पणियों को बहाल किया जाए।
ज्ञात हो कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लोकसभा में दिए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण के कुछ विवादास्पद अंश को हटा दिया गया। हटाए गए अंश में हिंदुओं और कुछ दूसरे धर्मों पर उनकी टिप्पणियां शामिल हैं।
वहीं विवादित अंश लोकसभा हटाए जाने पर राहुल गांधी ने प्रतिक्रियाएं दी। मीडिया से बात करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी की दुनिया में सच्चाई को मिटाया जा सकता है। लेकिन, हकीकत में सच्चाई को मिटाया नहीं जा सकता। जो मैंने कहा और जो मुझे कहना था मैंने कह दिया, वह सच्चाई है, अब उन्हें जो मिटाना है मिटाएं।”
इससे पहले उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं कहा, ‘‘ मोदी जी की दुनिया में सच्चाई एक्सपंज हो सकती है, लेकिन वास्तविकता में सच्चाई एक्सपंज नहीं हो सकती। जो मुझे कहना था, मैंने कह दिया। वह सच्चाई है। जितना एक्सपंज करना है करें, सच्चाई तो सच्चाई होती है।’’ राहुल गांधी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश में सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था जिस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार तरीके से विरोध जताया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर विषय है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता (LoP) के रूप में राहुल गांधी का सोमवार को पहला भाषण था। इस दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ। अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद ने संविधान की एक प्रति और भगवान शिव की तस्वीर लहराई और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा।
राहुल गांधी द्वारा हिंदुओं का उल्लेख करने पर भाजपा सांसदों ने कड़ा विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दौरान हस्तक्षेप किया। कांग्रेस सांसद को टोकते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना बहुत गंभीर मामला है।”
गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद से भाजपा को हिंसा से जोड़ने के लिए माफी मांगने की मांग की थी।