प्रयागराज । परेड मैदान में आयोजित भारतीय किसान यूनियन के चार दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन किसान महाकुंभ के अंतिम दिन बृहस्पतिवार को एक किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद में स्थित क्रिया योग आश्रम के आचार्य योगी सत्यम ने भी हिस्सा लिया और सनातन धर्म के मार्ग पर किसानों को चलने के लिए प्रेरित किया। साथ ही साथ प्रयागराज अधिवेशन में किसानों की समस्याओं पर चर्चा की गई।
किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आज घोषित किए गए गन्ने का मूल्य काफी नहीं है। मात्र 20 रुपये बढ़ने से किसान को निराशा हुई है। प्रदेश का किसान 400 रुपये से अधिक गन्ना मूल्य घोषित होने की आशा कर रहा था, क्योंकि खेती पर प्रतिदिन खर्च बढ़ता जा रहा है। इसके अनुपात में किसान को फसल का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर अपने जनपदों के अंतर्गत आने वाली ग्राम इकाई को मजबूत करना होगा। संगठन में युवा इकाई का कार्य समस्याओं के लिए ज्ञापन देना नहीं है। वह वरिष्ठ पदाधिकारीयों के साथ मिलकर कार्य करें। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि हम 26 जनवरी को देश भर में ब्लॉक व तहसील स्तर पर ट्रैक्टर परेड निकलेंगे. क्योंकि हमने दिल्ली में हुए किसान आंदोलन में भी ट्रैक्टर परेड निकाली थी। देश का किसान 16 फरवरी को भारत बंद के साथ-साथ खेती किसानी के सभी कार्य भी एक दिन नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन लंबित चल रही है अपनी सभी मांगों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में 14 मार्च को एक दिवसीय किसान महापंचायत का आयोजन करेगा। जिसमें देश भर के किसान शामिल होंगे। राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतिम दिन महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के गौरव टिकैत, राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन ,उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राजपाल शर्मा, युवा प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश अनुज सिंह, राष्ट्रीय सचिव घनश्याम वर्मा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना, प्रमुख प्रदेश महासचिव विजेंद्र सिंह यादव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुशलपल आर्य,राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर नौ सिंह, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष अनिल यादव ने हिस्सा लिया। पंचायत की अध्यक्षता शालिग्राम यादव जी ने की ओर संचालन राष्ट्रीय महासचिव ओमपाल मलिक जी ने किया।
इसके पहले भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का भविष्य सरकार नहीं, आंदोलन तय करेगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह बीजेपी के वोट बैंक का जरिया है। केंद्र में किसी की भी सरकार बने, किसानों की आवाज सुननी होगी।
उन्होंने कहा कि हमारा संगठन अराजनैतिक है। लोकसभा चुनाव में हमारी कोई सक्रिय भूमिका नहीं है। मोदी सरकार की नीतियां तो किसान विरोधी ही हैं। केंद्र में सरकार चाहे जिसकी सरकार बने, उसे किसानों की आवाज सुननी होगी। पूंजीवाद देश पर हावी हो रहा है। किसानों के बच्चों के पास रोजगार नहीं है। जमीन बेचकर गुजारा कर रहे हैं। किसानों को सबसे निचले स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं। मजबूरी में लाखों किसान भूमिहीन होकर मजदूर बन रहे हैं। सरकार देश में मजदूरों की फौज इकट्ठा कर रही है।
राम मंंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर उन्होंने कहा कि मंदिर तो गांव-गांव में हैं। हर गांव में भूमि पूजन होता है। आस्था और भक्ति व्यक्तिगत विषय है। राम मंदिर और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए चारों तरफ जो हल्ला मचा है, वह चुनावों की वजह से है। राम मंदिर भाजपा का वोट बैंक है। भाजपा देश के युवाओं को धार्मिक उन्माद की तरफ ले जा रही है।