भारत 10 साल पहले 80 लाख सीट के साथ दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा घरेलू एयरलाइन बाजार था। अमेरिका, चीन, ब्राजील और इंडोनेशिया क्रमश: पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर थे।
मौजूदा समय में पहले और दूसरे स्थान के साथ अमेरिका एवं चीन के घरेलू एयरलाइन बाजार ही भारत से आगे हैं।
ओएजी डेटा के मुताबिक, अप्रैल 2024 में भारत 1.56 करोड़ सीटों की क्षमता के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू एयरलाइन बाजार था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में पिछले 10 साल में सीटों की संख्या 6.9 प्रतिशत वार्षिक की दर से बढ़ी है। इस दौरान चीन में घरेलू एयरलाइन सीट की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही है। अमेरिका और इंडोनेशिया के घरेलू एयरलाइन बाजार की भी लगभग यही स्थिति रही।
ओएजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि बड़े घरेलू एयरलाइन बाजार में लो-कॉस्ट कैरियर (एलसीसी) कैपेसिटी शेयर की काफी अहम भूमिका होती है। अप्रैल 2024 में भारतीय घरेलू एयरलाइन बाजार में एलसीसी की हिस्सेदारी 78.4 प्रतिशत रही है, जो पांचों बड़े बाजारों में सबसे अधिक है।
पिछले 10 साल में इंडिगो ने 13.9 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ अपना मार्केट शेयर बढ़ाकर 62 प्रतिशत कर लिया है। वर्ष 2014 में उसकी बाजार हिस्सेदारी 32 प्रतिशत थी। हालांकि, अन्य किसी एयरलाइन की बाजार हिस्सेदारी में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है।
बता दें, नरेंद्र मोदी सरकार का एविएशन सेक्टर पर खास फोकस रहा है। पिछले 10 वर्षों में देश में एयरपोर्ट्स की संख्या 74 से बढ़कर 157 हो गई है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 19 नवंबर को देश में रिकॉर्ड 4,56,910 यात्रियों ने घरेलू विमान यात्रा की थी, जो कोरोना काल से पहले के औसत से 7.4 प्रतिशत अधिक है।
वर्ष 2023 में 91 लाख से ज्यादा विमान यात्रियों ने डिजी यात्रा का लाभ उठाया। इस दौरान 35 लाख से ज्यादा बार डिजी यात्रा ऐप डाउनलोड किया गया।