मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) की एक महत्वपूर्ण बैठक आज नई दिल्ली के उर्दू घर में आयोजित की गई। बैठक का आयोजन मंच के आगामी 23वें स्थापना दिवस (24 दिसंबर) के उपलक्ष्य में किया गया था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने की। बैठक में मंच के सभी राष्ट्रीय संयोजक, प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय संयोजक, सह संयोजक और वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य मंच की आगामी रणनीति तैयार करना और राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा करना था। बैठक में शामिल प्रमुख सदस्यों में मोहम्मद अफजाल, डॉ. शाहिद अख्तर, अबु बकर नकवी, विराग पाचपोर, डॉ. माजिद तालिकोटी, डॉ. शालिनी अली, शाहिद सईद, सैयद रजा हुसैन रिजवी, हाफिज साबरीन, इमरान चौधरी, फैज खान, और शाकिर हुसैन का उल्लेख हुआ।
मंदिर-मस्जिद विवाद पर RSS प्रमुख के विचारों का समर्थन
बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के मंदिर-मस्जिद विवाद पर दिए गए बयान की जमकर सराहना की गई। मंच ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि भारत को मंदिर-मस्जिद विवादों में उलझने के बजाय विकास और समरसता पर ध्यान देना चाहिए।
भागवत के बयान, जिसमें उन्होंने मंदिरों के नीचे मस्जिद खोजने की गतिविधियों को अनावश्यक बताया था, की प्रशंसा करते हुए मंच ने कहा कि यह विचार देश के 142 करोड़ लोगों के बीच भाईचारा और एकजुटता को बढ़ावा देता है। मंच ने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे इन मुद्दों का राजनीतिक लाभ उठाने से बचें और समाज में शांति बनाए रखने में सहयोग करें।
संभल और बांग्लादेश के मुसलमानों को संदेश
मंच ने संभल और बांग्लादेश के मुसलमानों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत के विचारों पर खुलकर विचार करने की अपील की। मंच ने कहा कि उनके विचार किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने और भारत को मजबूत बनाने के लिए हैं।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर मंच ने गहरी चिंता व्यक्त की। मंच ने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि वह हिंदू, बौद्ध, और अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करे।
संभल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में मंच ने मुसलमानों से राजनीतिक दलों के षड्यंत्रों से बचने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का समर्थन
बैठक में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए इसे मुसलमानों और देश के विकास के लिए आवश्यक बताया गया। मंच ने वक्फ संपत्तियों की लूट और गबन रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया और सुझाव दिया कि इन संपत्तियों का सही प्रबंधन सुनिश्चित कर विधवाओं, यतीमों और जरूरतमंदों की सहायता की जाए।
राष्ट्रीय एकता और भाईचारे का आह्वान
बैठक में मंच ने कहा कि भारत की एकता और समरसता को त्योहारों की तरह मनाया जाना चाहिए। अल्पसंख्यकों से अपील की गई कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर राष्ट्र निर्माण में सहयोग करें। मंच ने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास” की नीति अपनाकर भारतीय मुसलमान देश के विकास में भागीदार बन सकते हैं।
आगामी योजनाओं पर चर्चा
बैठक का समापन मंच के आगामी कार्यक्रमों और योजनाओं की रूपरेखा तय करते हुए हुआ। मंच ने यह संकल्प लिया कि वह राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए पूरे देश में सक्रिय रहेगा और भारतीय मुसलमानों को राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनाने के लिए प्रयासरत रहेगा।