मैनहट्टन के अभियोजक एल्विन ब्रैग ने भारत को 1,440 प्राचीन वस्तुएं लौटा दी हैं। इनमें पवित्र मंदिर की मूर्तियां भी शामिल हैं, जिन्हें तस्करी कर अमेरिका लाया गया था। अभियोजक कार्यालय ने गुरुवार को बताया कि होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन (एचएसआई) ग्रुप सुपरवाइजर एलेक्जेंड्रा डी अरमास ने भारत के महावाणिज्य दूतावास में आयोजित एक समारोह में इन कलाकृतियों को लौटा दिया। इस समारोह का प्रतिनिधित्व महावाणिज्य दूत मनीष कुल्हारी कर रहे थे।
ब्रैग ने कहा, “हम भारतीय सांस्कृतिक विरासत को निशाना बनाने वाले कई तस्करी नेटवर्कों की जांच जारी रखेंगे।”
अभियोजक कार्यालय के अनुसार, ये प्राचीन वस्तुएं आपराधिक तस्करी नेटवर्क की जांच के दौरान बरामद की गईं। इनमें प्राचीन वस्तुओं के तस्कर सुभाष कपूर और नैन्सी वीनर शामिल थे। बता दें कपूर को भारत में, जबकि वीनर को अमेरिका में दोषी ठहराया गया।
एचएसआई न्यूयॉर्क के विशेष एजेंट इन चार्ज विलियम एस. वॉकर ने कहा, “आज की वापसी कई वर्षों से जारी एक अंतरराष्ट्रीय जांच का प्रतीक है। यह जांच इतिहास के सबसे कुख्यात अपराधियों में से एक द्वारा तस्करी की गई प्राचीन वस्तुओं के बारे में है।”
कुछ प्राचीन वस्तुएं संग्रहालयों में प्रदर्शित की गई, जब तक कि उन्हें मैनहट्टन अभियोजक की पुरावशेष ट्रैफिक यूनिट (एटीयू) की ओर से जब्त नहीं कर लिया गया।