अमेरिका ने कहा है कि वह एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश की भारत की जांच के नतीजे देखने के लिए उत्सुक है और जांच खत्म होने से पहले कोई आकलन नहीं करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को अपनी न्यूज ब्रीफिंग में कहा, “हमने इस सरकार के सबसे वरिष्ठ स्तर पर संदेश दिया है – विदेश मंत्री ने सीधे अपने विदेशी समकक्ष (भारत के विदेश मंत्री) के समक्ष इसे उठाया है कि हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने हमें बताया कि वे एक जांच करेंगे।”
राजनयिक स्तर पर मामले के घटनाक्रम पर एक सवाल के जवाब में मिलर ने कहा, “उन्होंने सार्वजनिक रूप से जांच की घोषणा की है। और अब हम जांच के नतीजे देखने का इंतजार करेंगे, लेकिन यह कुछ ऐसा है जिसे हम बहुत गंभीरता से लेते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि उनके लिए “कानून प्रवर्तन मामले” पर टिप्पणी करना “अनुचित” होगा क्योंकि न्याय विभाग अदालत में मामला पेश कर रहा है।
मिलर ने संवाददाताओं से कहा, “हम उस (भारत की) जांच के नतीजे देखने के लिए उत्सुक हैं और मैं जांच पूरी होने से पहले जाहिर तौर पर कोई आकलन नहीं करने जा रहा हूं।”
यह टिप्पणी व्हाइट हाउस के उस बयान के एक सप्ताह बाद आई है जिसमें कहा गया था कि वह इन आरोपों को “बहुत गंभीरता से” लेता है कि एक भारतीय उसकी धरती पर खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून को मारने की नाकाम कोशिश में शामिल था।
अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने पिछले महीने भारतीय खुफिया अधिकारी निखिल गुप्ता पर न्यूयॉर्क में पन्नून को कथित तौर पर मारने के लिए भारत से एक साजिश की “योजना बनाने और निर्देशित करने” का आरोप लगाया था।
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह “चिंता का विषय” है और “भारत सरकार की नीति के विपरीत” है।
भारत ने मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया और कहा कि वह समिति के निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करेगी।
खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर के मामले पर कनाडाई सरकार के साथ भारत के ‘असहयोग’ के बारे में पूछे जाने पर मिलर ने कहा कि उन्होंने मंगलवार की ब्रीफिंग में नई दिल्ली से ओटावा के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है।
कनाडा ने सितंबर में दावा किया था कि निज्जर की इस साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में भारतीय एजेंटों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
कनाडा के आरोपों का जवाब देते हुए भारत ने हाल ही में कहा, “जहां तक कनाडा का सवाल है, उन्होंने लगातार भारत विरोधी चरमपंथियों और हिंसा को जगह दी है। यही मुद्दे के मूल में है।”