देश की दिग्गज ब्रोकरेज फर्म्स और बाजार के विश्लेषकों ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है। देश की विकास दर, चालू खाते की स्थिति और महंगाई के आंकड़े सभी उत्साह पैदा करने वाले हैं।
जानकारों ने कहा कि भारत के साथ कई सारे सकारात्मक फैक्टर हैं। पिछला डेटा इशारा करता है कि चुनाव के 6 से 12 महीने के बीच बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है।
यस सिक्योरिटीज की ओर से कहा गया कि भारतीय कंपनियों की बैलेंस शीट, बैंकिंग सेक्टर और प्रॉपर्टी मार्केट में बुलबुले जैसी कोई स्थिति नहीं है। सूचीबद्ध कंपनियों में कर्ज कम हो गया है। पूंजी पर्याप्त मात्रा होने के कारण बैंकों की स्थिति मजबूत है और मजबूत मांग के कारण रियल एस्टेट की कीमतें बढ़ रही हैं।
जानकारों का कहना है कि भारतीय घरेलू निवेशकों की ओर से शेयर बाजार में लगातार भरोसा जताया जा रहा है। रिटेल निवेशकों द्वारा म्यूचुअल फंड में किया जाने वाला निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
साथ ही कहा कि एफआईआई अभी तक पैसा निकाल रहे हैं, लेकिन जैसे ही इनकी वापसी होगी, बाजार के लिए यह काफी अच्छी स्थिति होगी।
बाजार के विश्लेषकों का कहना है कि भारत के सरकारी बॉन्ड को वैश्विक सूचकांकों में शामिल किए जाने के कारण अगले तीन वर्षों में करीब 100 अरब डॉलर का पूंजीगत निवेश आएगा।
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने कहा कि भारत में सुधार आम तौर पर राजनीति की कसौटी पर खरे उतरे हैं और हम उम्मीद करते हैं कि सरकार शासन और प्रशासनिक सुधारों की गति जारी रखेगी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने एक दिन में सबसे ज्यादा लेनदेन करने का रिकॉर्ड बनाया है।
एनएसई सीईओ आशीष चौहान ने कहा कि बुधवार को ट्रे़डिंग के घंटों के दौरान एक्सचेंज पर रिकॉर्ड 19.71 अरब ऑर्डर और 28.05 करोड़ ट्रेड हुए थे।
एनालिस्ट की ओर से कहा गया कि यूएस फेड की ओर से ब्याज दर कम किए जाने की संभावना के कारण वैश्विक बाजार मजबूत है। इसके कारण भारतीय बाजार भी सामान्य हो गए हैं।
मौजूदा समय में हमें राजनीतिक स्थिरता दिख रही है, लेकिन राजनीतिक हलचल का बाजारों पर असर दिख सकता है।