बुलंदशहर के खुर्जा से भाजपा विधायक मीनाक्षी सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। विधायक भीड़ में अफसरों को धमकाते हए नजर आ रही हैं। कह रही हैं कि इतने जूते मारेंगे भूल जाओगे। वीडियो देखने पता चलता है कि विधायक मीनाक्षी सिंह आवास विकास के अधिकारियों के धमका रही हैं। कह रही हैं कि, जनता से माफी मांगो, नहीं तो जूता निकालकर इतना मारेंगे कि भूल जाओगे! अब ये वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
यह घटना मंगलवार दोपहर बाद की है। आवास विकास के अतिरिक्त अभियंता एसपी सिंह, अवर अभियंता अजब सिंह और कनिष्ठ सहायक गौरव दीक्षित अपनी टीम के साथ अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचे थे। इन्होंने धार्मिक स्थल को तोड़कर अंदर रखी मूर्तियों को दूसरे स्थान पर रख दिया। यह खबर तेजी से फैल गई कि आवास विकास की टीम ने धार्मिक स्थल को तोड़ दिया है। इस खबर के फैलते ही मोहल्ले के लोग इकट्ठा हो गए। बुल्डोजर वाला तो भाग गया लेकिन टीम ने आवास विकास की टीम को मौके पर ही रोक लिया और विधायक को बुला लिया।
गुस्साए लोगों ने धार्मिक स्थल तोड़ने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों के हंगामे की सूचना पर पुलिस और प्रशासनिक के अधिकारी भी पहुंच गए। पुलिस क्षेत्राधिकारी भास्कर मिश्रा और एसडीएम दुर्गेश सिंह ने गुस्साए लोगों को शांत करने की कोशिश की लोकिन लोग नहीं माने। इसके बाद विधायक मीनाक्षी सिंह भी मौके पर आ गई। वायरल हो रही वीडियो को देखने से पता चलता है कि, विधायक ने आवास विकास के अधिकारियों को धमकाते हुए कहा कि आपको नोटिस देना चाहिए था। इस तरह से धार्मिक स्थल को तोड़कर लोगों की भावनाओं के ठेस पहुचाने का काम किया गया है। इतना कहने के बाद विधायक गुस्से में आ गई और बोली कि लोगों से माफी मांगो, नहीं तो जूता निकालकर इतना मारेंगे कि भूल जाओगे। वायरल वीडियो को लेकर विधायक से बात की गई तो फोन पर उनके प्रतिनिधि ने बताया कि आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने अब धार्मिक स्थल को दोबारा से स्थापित कराने का आश्वासन दिया है। पूरे प्रकरण से मुख्यमंत्री को भी अवगत करा दिया गया है।
करीब दो घंटे तक चले हंगामे के बाद अधिकारियों ने विधि विधान से मंदिर स्थापित कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही लोगों का गुस्सा शांत हुआ। आवास विकास के रहने वाले उमेश चंद शर्मा ने बताया कि कॉलोनी के लिए उनका बाग अधिग्रहित हुआ था। इस बाग में से उन्हे 35 प्रतिशत जगह मिली थी। 15 साल पहले अधिग्रहण होने के बाद आज तक उन्हे जमीन नहीं मिली है। बताया कि उन्ही की जमीन से धार्मिक स्थल के लिए लिए 20 मीटर जगह छोड़ी गई थी। इसी जगह में अब उन्होंने मूर्तियों की स्थापना कराई थी। इस प्राण प्रतिष्ठा में आवास-विकास के अधिकारी भी मौजूद थे। आरोप है कि अब बिना नोटिस दिए ही बुल्डोजर चला दिया।