हुब्बल्ली। धारवाड़ जिला समेत उत्तर कर्नाटक के सबसे प्रभावशाली नेता जगदीश शेट्टर के कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा अलर्ट हो गई है। भाजपा के लिए सुरक्षित वोट बैंक माने जाने वाले लिंगायत समुदाय के वोटों को बंटने से बचाने के लिए भाजपा ने जरूरी कदम उठाने का फैसला किया है। इसके चलते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा 18 अप्रेल को हुब्बल्ली-धारवाड़ का दौरा करेंगे। दो दिन जिले में रुकेंगे और लिंगायत वोटों को सुरक्षित करने के लिए भाजपा की ओर से किए गए उपायों की समीक्षा करेंगे।
जगदीश शेट्टर हुब्बल्ली-धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आए हैं। टिकट के लिए दिन-रात कोशिश की, जब भाजपा ने उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया, तो उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया। राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर बहस चल रही है कि इससे लिंगायत समुदाय में गलत संदेश जाएगा। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता भी इस मौके पर भाजपा को लिंगायत विरोधी बताने वाले बयान दे रहे हैं। इसके चलते भाजपा सतर्क हुई है।
दो दिन रुकेंगे : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा दो दिन हुब्बल्ली में ही रहेंगे। वे हुब्बल्ली-धारवाड़ सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र में होने वाले दोनों कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। नड्डा सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में डेरा डालेंगे, जहां शेट्टर से चुनाव लड़ रहे हैं। इस दौरान वे कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा 19 अप्रेल को मूरुसाविरमठ, सिध्दरूढ़ मठ का दौरा करेंगे। शिग्गावी जाएंगे और सीएम बसवराज बोम्मई के नामांकन सौंपने के जुलूस में भाग लेंगे।
लिंगायत समुदाय भाजपा से बहुत नाराज है। राज्य में कई तरह के राजनीतिक घटनाक्रम चल रहे हैं और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा इस सब को कम करने के लिए हुब्बल्ली आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर हुब्बल्ली-धारवाड़ सेंट्रल क्षेत्र से भाजपा के टिकट के दावेदार थे। अपना टिकट खोने के बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इसके चलते भाजपा को बूरी तरह पिछडऩे का डर सता रहा है। इसलिए भाजपा पर्दे के पीछे से योजना बना रही है ताकि जगदीश शेट्टर के पार्टी छोडऩे का असर उत्तर कर्नाटक तक न फैले। इसी कारण जेपी नड्डा ने 18 अप्रेल की शाम को हुब्बल्ली आने का कार्यक्रम तय किया है।
भाजपा के टिकट से वंचित जगदीश शेट्टर ने भाजपा और विधायक पद छोडऩे से पहले भाजपा नेताओं के खिलाफ कई हमले किए। सोमवार को कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी उन्होंने भाजपा नेताओं पर जमकर निशाना साधा। इन अलग-अलग बयानों में उन्होंने कहा कि लिंगायत समुदाय के साथ भाजपा ने गलत व्यवहार किया है और लिंगायत नेताओं की भाजपा में कोई हैसियत नहीं है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि उनके बाहर निकलने से उत्तर कर्नाटक में लगभग 20-21 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कहा जा रहा है कि इससे भाजपा सतर्क हुई है।