मणिपुर में पिछले कई दिनों ने जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बार उपद्रवियों ने ईस्ट इंफाल स्थिति सिंगजेमेई और थोंगजू में भाजपा के कार्यालय को अपना निशाना बनाया है। हालांकि सिंगजेमेई में उपद्रवियों की कोशिश नाकाम रही है जबकि थोंगजू ऑफिस में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की है।
इस हिंसा के बाद सेना ने इंफाल में फ्लैग मार्च किया है बड़ी संख्या में भारतीय सेना के जवानों ने इंफाल में फ्लैग मार्च किया और शनिवार प्रशासन ने सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक 18 जून को कर्फ्यू में ढील देने का फैसला लिया है, ताकि लोग जरूरी सामान, दवा आदि की खरीद कर सके।
इंफाल में सुरक्षाकर्मियों और उपद्रवियों के बीच भिड़ंत में दो लोग घायल हुए हैं। भाजपा के पार्टी कार्यालय में शुक्रवार को कुछ लोगों ने हमला कर दिया था, जिसमे दो लोग घायल हुए हैं। अहम बात है कि इससे पहले केंद्रीय राज्य मंत्री के आरके रंजन सिंह के घर पर भी उपद्रवियों ने आग लगा दी थी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंफाल में भीड़ ने मणिपुर भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी के घर पर हमला करने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश को सेना, पैरामिलिट्री फोर्स, रैपिड एक्शन फोर्स ने विफल कर दिया। उपद्रवियों ने भाजपा ऑफिस को भी सिंगजेमेई और थोंगू में निशाना बनाने की कोशिश की। सिंगमेजेई में इस कोशिश को विफल कर दिया गया है। थोंगजू ऑफिस में तोड़फोड़ हुई है।
अधिकारी ने बताया कि इंफाल में इरिंगबाम पुलिस स्टेशन में हथियार लूटने की कोशिश की गई, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने इसे विफल कर दिया था। इन सभी घटनाओँ में दो लोग इंफाल में घायल हुए हैं।
बता दें कि शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर आग लगने की घटना से हड़कंप मच गया था। केंद्रीय मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया कि मणिपुर में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है।
रंजन ने कहा कि मौजूदा सरकार प्रदेश में शांति को बहाल करने में विफल रही है। केंद्र की ओर से सुरक्षाकर्मी भेजे जाने के बाद भी राज्य सरकार विफल रही है। गुरुवार को हिंसा में दो प्रदर्शनकारी घायल हुए थे, जबकि एक आरएएफ का जवान घायल हुआ था।
इस बीच इंफाल में एक अखबार में संपादकीय लिखने और असम राइफल्स को आरोपी बताने की वजह से एक नेता पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। पीपुल्स फ्रंट ऑफ मणिपुर पार्टी के सलाहकार जगत थोडम के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है।
मई माह की शुरुआत से ही मणिपुर में लगातार हिंसा जारी है। मणिपुर हाई कोर्ट ने जिस तरह से मैतेई समुदाय को एससी कैटेगरी में शामिल करने का सरकार को सुझाव दिया उसके बाद से यहां हिंसा भड़क गई है।