भगोड़े अमृतपाल सिंह की तलाश अब तक पूरी नहीं हुई है। इसी बीच उसकी NRI पत्नी किरणदीप कौर का दर्द सामने आया है। कौर का कहना है कि वह इन हालात में अपने पति को छोड़कर नहीं जा सकती। साथ ही उन्होंने अमृतपाल से किसी तरह का संपर्क होने की बात से भी इनकार किया है। पुलिस ने 18 मार्च को अलगाववादी नेता की खोज शुरू की थी।
मीडिया से बातचीत करते हुए किरणदीप ने कहा कि अमृतपाल कहां है, इस बारे में उसे कुछ पता नहीं है। कई दिन से उसका संपर्क नहीं हुआ। अगर अमृतपाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर रखा है तो उसे पेश करना चाहिए। किरणदीप ने कहा कि उसने अमृतपाल के लिए नौकरी और परिवार छोड़ा है। अब उसे इस हाल में छोड़कर नहीं जा सकती।
किरणदीप कौर ने कहा कि मुझ पर गैर काननू गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप गलत हैं। मैंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया। मैं यहां दो महीने से रह रही हूं। अब अमृतपाल का घर ही मेरा घर है। मैं छह महीने के बाद वापस यूके जाऊंगी। अगर अमृतपाल भी चलेगा तो ठीक है, नहीं तो मैं फिर से भारत आ जाऊंगी। अमृतपाल जिसे रिवर्स इमिग्रेशन कहता है, हम उसे सही साबित करेंगे।
अमृतपाल को निर्दोष बताते हुए किरणदीप ने कहा कि उसकी पहली पसंद सिख धर्म का प्रचार है, मैं उसकी दूसरी पसंद हूं। उन्होंने कहा कि धर्म प्रचार उसके लिए सबसे अहम है और धर्म और पंजाब के लोगों के लिए आवाज उठाता है। किरनदीप का कहना है कि वह अमृतपाल के साथ किसी कार्यक्रम में नहीं गई और न ही वह उसे वहां लेकर जाना चाहता था। भविष्य में किसी दिक्कत से बचाने के लिए वह चाहता था कि कोई मुझे अमृतपाल के नाम के साथ जोड़कर न पहचाने। हमने यह फैसला भी नहीं किया था कि हमेशा पंजाब में ही रहेंगे।
किरणदीप ने बताया कि उसके दादा 1951 में यूके चले गए थे। तभी से उनका परिवार वहीं रह रहा है। अमृतपाल अपने वीडियो सोशल मीडिया पर डालता था, जिससे मैं प्रभावित हुई। सोशल मीडिया से ही मैं उसके संपर्क में आई लेकिन कभी यह नहीं सोचा था कि हम जीवनसाथी बन जाएंगे। मैं आध्यात्मिक विचारों वाली हूं। मांस-मदिरा का इस्तेमाल नहीं करती। मेरी यही बातें अमृतपाल को पसंद आईं। हालांकि मैं अमृतपाल की तरह धार्मिक नहीं हूं, फिर भी उसने मुझसे शादी की। हमारी शादी का मेरे परिवार ने कोई विरोध नहीं किया।