दोरईस्वामी इस सप्ताह स्कॉटलैंड के दौरे पर थे। अल्बर्ट ड्राइव स्थित ‘ग्लासगो गुरुद्वारा गुरु ग्रंथ साहिब’ की एक योजनाबद्ध यात्रा के दौरान, सिख यूथ यूके के सदस्यों ने उच्चायुक्त की कार के पास आकर उन्हें वहां से जाने को कहा। सदस्यों ने गुरुद्वारे के अधिकारियों के साथ विवाद से संबंधित वीडियो पोस्ट किये। स्थानीय पुलिस ने कहा कि उसे ‘गड़बड़ी’ के उपरांत बुलाया गया था और मामले में पूछताछ जारी है।

स्कॉटलैंड पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘हमें शुक्रवार, 29 सितंबर को अपराह्न लगभग 1.05 बजे ग्लासगो के अल्बर्ट ड्राइव क्षेत्र में हुई गड़बड़ी की रिपोर्ट पर बुलाया गया था। किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है और पूरी स्थिति स्थापित करने के लिए पूछताछ जारी है।’

ग्लासगो में उत्पन्न विवाद के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक सिख व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘हमें किसी भी भारतीय राजदूत, आधिकारिक क्षमता में आए भारत सरकार के किसी भी व्यक्ति का स्वागत इसी तरह करना चाहिए।’

यह घटना उच्चायुक्त की स्कॉटलैंड की दो-दिवसीय यात्रा के अंत में हुई। स्कॉटलैंड की यात्रा के दौरान स्थानीय नेताओं, प्रवासी प्रतिनिधियों, व्यापार प्रमुखों और विश्वविद्यालय समूहों के साथ बैठकों और चर्चाओं की एक श्रृंखला शामिल थी। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक, यह बैठक गुरुद्वारा समिति के आग्रह पर आयोजित की गयी थी।

सूत्रों ने बताया कि कुछ बाहरी लोगों और कट्टरपंथी तत्वों के अनावश्यक विवाद ने शहर के अधिकांश शांतिप्रिय सिखों की बातचीत और सामुदायिक सहभागिता की योजना बाधित कर दी।

स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री हमजा यूसुफ के साथ उनकी मुलाकात के दौरान भारत में आतंकवाद के आरोप में हिरासत में ब्रिटिश सिख जगतार सिंह जोहल का मुद्दा भी उठाया गया।

भारतीय उच्चायोग ने बैठक के संदर्भ में ट्वीट किया, ‘एफएम (प्रथम मंत्री हमजा) यूसुफ द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों का जवाब देते हुए, उच्चायुक्त ने जोर देकर कहा कि आठ गंभीर आरोपों का सामना कर रहे जोहल के मामले में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया गया है।

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